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Israel Hamas War: सरेंडर के सिंबल के साथ थे इजरायल के तीनों युवा, जो हुए इजरायली सेना की ही गोली का शिकार

Israel Hamas Gaza : गाजा में इजरायली सैनिकों की ओर से अपने ही देश के नागरिकों को गाजा में आतंकी समझ गोली मार देने की घटना में अब पता चला है कि तीनों आत्मसमर्पण के प्रतीक सफेद कपड़े के साथ सैनिकों के सामने आए थे।

'युद्ध को वे दिव्य कहते हैं जिन्होंने युद्ध की ज्वाला कभी जानी नहीं है' रामधारी सिंह दिनकर की ये पंक्तियां इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग में शब्दश: चरितार्थ होती हैं। जब गोलियां चलती हैं तो उनका निशाना कौन बनेगा यह कौन बता सकता है। ऐसा ही कुछ हुआ इजरायल में जहां उसके सैनिकों ने अपने ही देश के तीन नागरिकों की गलती से जान ले ली। ऐसा तब हुआ जब वो तीनों शांति-सुलह के प्रतीक सफेद कपड़ा भी लिए हुए थे। यह जानकारी इजरायल की सेना के अधिकारियों ने ही दी है। उन्होंने कहा कि यह घटना हमारे नियमों के खिलाफ थी और इसकी सर्वोच्च स्तर पर जांच की जा रही है। यह वाकया शुक्रवार को गाजा के शेजैया में हुआ था जब योतम हईम (28), समेर तललका (22) और अलोन शमरीज (26) नाम के तीन होस्टेज अपने ही देश के सैनिकों की गोलियों का शिकार होकर जान गंवा बैठे थे।

सैन्य दबाव के बिना हमारे पास कुछ भी नहीं: नेतन्याहू

इस मामले ने इजरायली अधिकारियों पर इस बात का दबाव भी बढ़ा दिया है कि वह गाजा में मौजूद 120 से ज्यादा बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौते तक पहुंचें। वहीं, इसको लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि बंधक बनाए गए लोगों की वापसी और जीत, दोनों के लिए ही सैन्य दबाव जरूरी है। बिना सैन्य दबाव के हमारे पास कुछ भी नहीं होगा। उधर, हमास का कहना है कि बंधकों की रिहाई के लिए तब तक कोई बातचीत नहीं की जाएगी जब तक इजरायल हमारे लोगों के खिलाफ आक्रामकता को हमेशा के लिए खत्म करने का कदम नहीं उठाता। मुद्दा यह है कि दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं लेकिन इसका अंजाम भुगतना पड़ रहा है योतम, समेर और अलोन जैसे आम युवाओं को जो इस जंग में पिस रहे हैं।

कुछ ऐसा हुआ था इस मामले में, घटना की जांच शुरू

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार एक इजरायली सैन्य अधिकारी ने बताया कि इजरायल डिफेंस फोर्स को एक जांच में पता चला कि तीन बंधक एक इमारत से निकले थे। इनमें से एक ने एक डंडे पर सफेद कपड़ा बांध रखा था। एक सैनिक ने उन्हें आतंकी समझ गोलियां बरसा दीं। इनमें से दो की मौके पर ही मौत हो गई और तीसरा घायल हुआ जो फिर बिल्डिंग के अंदर चला गया। इसके बाद उस बिल्डिंग से हिब्रू भाषा में मदद की गुहार सुनाई दी जिसके बाद बटालियन कमांडर ने गोलीबारी रोकने को कहा। घायल बंधक जब फिर से बाहर आया तो गोली मारकर उसकी भी हत्या कर दी गई। अधिकारी के अनुसार तीनों को या तो बंधक बनाने वालों ने छोड़ दिया था या फिर वह उनकी पकड़ से बच निकले थे। अधिकारी के अनुसार इसकी जांच की जा रही है।


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