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Indian Navy ने समुद्र में उतारे अपने 10 से ज्यादा युद्धपोत, अरब सागर में क्यों बढ़ रहा खतरा?

Indian Navy Arabian Sea: भारतीय समुद्र में खतरा बढ़ता जा रहा है। मालवाहक जहाजों पर हमले हो रहे हैं, इसलिए नौसेना ने सुरक्षा अभियान चलाया है, जिसके तहत बड़ा कदम उठाया गया है। जानिए क्या है प्लानिंग?

अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारतीय नौसेना में अरब सागर में युद्धपोत तैनात किए हैं।
Indian Navy Arabian Sea Latest Update: भारतीय सेना ने 10 से ज्यादा युद्धपोत समुद्र में उतार दिए हैं। अरब सागर (Arabian Sea) और अदन की खाड़ी (Gulf Of Aden) में इन्हें तैनात किया गया है। वहीं सभी युद्धपोत मरीन कमांडो और आधुनिक हथियारों लैस हैं। तैनात किए जहाजों में INS कोलकाता, INS कोच्चि, INS चेन्नई, INS मोर्मुगाओ, INS तलवार और INS तरकश शामिल हैं। इस तैनाती की वजह हूती विद्रोही और समुद्री डाकू बताए जा रहे हैं। इसलिए भारतीय नौसेना ने समुद्री सुरक्षा अभियान शुरू किया है। है। अदन की खाड़ी की खाड़ी में इसलिए तैनाती की गई है, क्योंकि इसके एक तरफ यमन है तो दूसरी तरफ सोमालिया और तेल परिवहन के लिए यह सबसे अहम रूट है। पिछले दिनों सोमालिया तट पर एक समुद्री जहाज को डाकुओं ने हाईजैक कर लिया था। इसलिए भारतीय नौसेना ने अपने युद्धपोत इस एरिया में तैनात किए हैं।  

एयरक्राफ्ट और ड्रोन के जरिए भी की जा रही निगरानी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने भी समुद्री सुरक्षा के लिए ऑपरेशन गार्जियन चलाया हुआ है, लेकिन भारतीय नौसेना का ऑपरेशन उसका हिस्सा नहीं है। भारतीय नौसेना ने अपनी सीमाओं और परिवहन के रास्तों की सुरक्षा करने के लिए युद्धपोत तैनात किए हैं। क्योंकि माल ढोने वाले समुद्री जहाजों पर हूतियों और समुद्री डाकुओं के बढ़ते हमलों के कारण मालभाड़े की दर बढ़ने लगी है, जिससे देश में महंगाई बढ़ने लगी है। इससे बचने के लिए भी भारत सरकार ने नौसेना को सुरक्षा करने के निर्देश दिए हैं। समुद्र में पश्चिमी तटों पर पी-8आई विमान और MQ-9B सी-गार्जियन ड्रोन के जरिए गश्त की जा रही है, जो समुद्र सीमाओं की लाइव निगरानी कर रहे हैं।  

हाल ही में नौसेना ने डाकुओं से बचाया था जहाज को

बता दें कि हाल ही में INS चेन्नई के कमांडो ने पी-8आई एयरक्राफ्ट के साथ मिलकर अरब सागर से गुजर रहे लाइबेरिया के मालवाहक जहाज को हाईजैक होने से बचाया था। समुद्री डाकुओं ने उसे घेर लिया था। इस अभियान के तहत 15 भारतीयों सहित चालक दल के सभी 21 सदस्यों को बचाया गया था। भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडोज ने इस ऑपरेशन को सफल करने में अहम भूमिका निभाई थी। पहले भी 4 युद्धपोत समुद्र में तैनात किए गए थे, लेकिन अब तैनात किए युद्धपोतों के पास विभिन्न प्रकार की बंदूकें, छोटी और मध्यम दूरी तक हमला करने वाली मिसाइलें और जैमर हैं, जिनका जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।


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