India Maldives Row Latest Update: मालदीव की राजनीति में भूचाल आ गया है। देश को भारत से पंगा लेना महंगा पड़ रहा है, क्योंकि मालदीव में सरकार गिरने का खतरा मंडरा गया है। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की कुर्सी जाने के आसार हैं, क्योंकि उन्हें राष्ट्रपति पद से हटाने की मांग उठने लगी है। विपक्ष ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी की है, जिसमें राष्ट्रपति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है। विपक्ष नेता अली अजीम का आरोप है कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत के प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। जब विवाद हुआ तो अपने देश का सम्मान नहीं बचाया। विवाद का सही तरीके से समाधान भी नहीं किया। वे अपनी जिम्मेदारी का वहन करने में फेल हुए हैं, इसलिए उन्हें हटाया जाए।
सांसदों से अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील
अली अजीम ने घोषणा की है कि जल्दी ही संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया जाएगा। सभी सांसद इस अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करें। वहीं सूत्रों के मुताबिक, अगर अविश्वास प्रस्ताव पास हुआ तो सरकार गिर जाएगी। इससे मालदीव की अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ सकता है। मालदीव का टूरिज्म बिजनेस भी प्रभावित होगा, क्योंकि भारत से काफी टूरिस्ट मालदीव घूमने आते हैं। यहां कई-कई दिन बिताते हैं, लेकिन विवाद के चलते भारतीय अब सोशल मीडिया पर मालदीव का बहिष्कार करने लगे हैं। इससे दुनियाभर के टूरिस्टों में मालदीव की इमेज खराब होगी। बिजनेस डील्स पर भी विवाद का असर पड़ सकता है। राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के 5 दिवसीय दौरे पर चले गए हैं, जबकि उन्हें विवाद को पहले सुलझाना चाहिए था।
यह है मालदीव के साथ विवाद की वजह?
बता दें कि मालदीव की मंत्री मरियम शिउना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थीं। PM मोदी ने गत 4 जनवरी को अपने लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड की थीं। इन तस्वीरों को देखकर यूजर्स ने कमेंट किया कि अब भारतीयों को मालदीव नहीं, लक्षद्वीप जाना चाहिए। वह मलदीव जैसा ही खूबसूरत हैं। प्रधानमंत्री ने भी अपनी पोस्ट में भारतीयों से लक्षद्वीप जाने की अपील की थी। इस पोस्ट को पढ़कर, तस्वीरें देखकर मालदीव की मंत्री मरियम शिउना ने आपत्तिजनक ट्वीट किए। शिउना ने इजराइल को जोड़ते हुए PM मोदी को टारगेट किया। उन्होंने लक्षद्वीप का भी मजाक उड़ाया। मालदीव के नेता मालशा शरीफ़ और महज़ूम माजिद ने भी ट्वीट किए। इस पर भारत ने नाराजगी जताई। कुछ सख्त कदम भी उठाए। विवाद होते देख मालदीव सरकार ने मंत्री शिउना को निलंबित कर दिया, लेकिन विवाद नहीं सुलझा।