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H1-B वीजा पर ट्रंप का नया ऐलान, बताया किन पर लागू होगा और कैसे देनी होगी एक लाख डॉलर फीस?

H-1B Visa New Fee: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने H-1B वीजा की फीस बढ़ाने के नियमों को लेकर स्पष्टीकरण दिया है. उनकी तरफ से व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने बताया कि नई फीस किन पर लागू होगी और कैसे देनी होगी‌? साथ ही यह भी कहा गया कि नई फीस को लेकर हड़बड़ाने की जरूरत नहीं है, कंपनियां और वीजा धारक संयम बरतें, नियमों के बारे में जान लें.

राष्ट्रपति ट्रंप ने फीस बढ़ाने का आदेश साइन करके लागू कर दिया है.

H-1B Visa New Rules: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा के लिए नई फीस एक लाख डॉलर यानी करीब 88 लाख रुपये तय कर दी है, जिससे अमेरिकी और भारतीय कंपनियों में हड़कंप मच गया. H-1B वीजा धारकों में भी अफरा-तफरी मच गई, लेकिन हालातों को देखते हुए H-1B वीजा के नए नियमों पर व्हाइट हाउस ने स्पष्टीकरण देकर कन्फ्यूजन दूर किया. व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिना लेविट ने नई फीस के नियमों को स्पष्ट किया और बताया कि H-1B वीजा की नई फीस किन पर लागू होगी और कैसे देनी होगी?

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इन पर लागू होगी नई फीस

कैरोलिना लेविट ने बताया कि H-1B वीजा की नई फीस एक लाख डॉलर एक बार ही देनी होगी, यह एनुअल फीस नहीं है और न ही यह फीस वर्तमान वीजा धारकों या विदेश में रहने वाले मौजूदा वीजा धारकों को देनी होगी. यह नई फीस केवल नए वीजा धारकों के लिए है, इसलिए मौजूदा वीजा धारक और कंपनियां संयम बरतें और इस नियम को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला लें. US सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने भी स्पष्ट किया कि नई फीस का नियम सिर्फ नए वीजा आवेदकों के लिए है, मौजूदा वीजा धारकों पर लागू नहीं होगा.

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21 सितंबर से लागू हुआ आदेश

प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिना लेविट ने कहा कि H-1B वीजा की नई फीस एक लाख डॉलर का आदेश आज 21 सितंबर 2025 की रात को 12 बजे से यानी भारतीय समयानुसार सुबह साढ़े 9 बजे से लागू हो जाएगा, लेकिन वर्तमान H-1B वीजा धारक नई फीस नहीं देंगे, बल्कि वे सामान्य तरीके से अमेरिका में आ सकेंगे और वापस जा सकेंगे. नई फीस का आदेश केवल नए वीजा के लिए किए गए आवेदनों और आगामी लॉटरी साइकिल पर ही लागू होगा. इसलिए मौजूदी वीजा धारकों और टेक कंपनियों को घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन कंपनियां आगे का फैसल नए नियमों के अनुसार लें.

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कंपन देती है H-1B वीजा फीस

बता दें कि अमेरिका की सरकार H-1B वीजा एक्सपर्ट IT, इंजीनियरिंग प्रोफेशनल्स को देती है और इसकी फीस उन्हें हायर करने वाली कंपनी भरती है. वर्तमान में करीब 70 प्रतिशत H-1B वीजा धारक भारतीय हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप एक आदेश जारी करके 21 सितंबर 2025 से H-1B वीजा के लिए प्रति वर्ष $100,000 (लगभग 88 लाख रुपये) अतिरिक्त फीस लगा दी है. इस फैसले से अमेरिका और भारत की टेक कंपनियां प्रभावित हो रही हैं और माइक्रोसॉफ्ट-एप्पल समेत करीब 10 कंपनियों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा.


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