Earthquake in Japan: जापान की धरती एक बार फिर भूकंप के तेज झटकों से कांप गई. भूकंप जापान के होन्शू में पूर्वी तट के पास आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6 रही. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) में भूकंप की पुष्टि की और बताया कि भूकंप का केंद्र ताकासाकी शहर से लगभग 262 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में धरती के नीचे 50 किलोमीटर की गहराई में मिला है. हालांकि जापान वेदर एजेंसी ने सुनामी का अलर्ट जारी नहीं किया है, लेकिन लोगों में दहशत फैली हुई है.
टोक्यो तक महसूस किए गए हैं तेज झटके
बता दें कि जापान के स्थानीय समय के अनुसार, 5 अक्टूबर की सुबह 12 बजकर 21 मिनट पर आया था, जिसके झटके टोक्यो, सेन्डाई और इवाकी शहरों तक महसूस किए गए. हालांकि इन शहरों में भूकंप के हल्के झटके लगे, लेकिन लोगों ने भूकंप का कंपन महसूस किया और वे अपने घरों से बाहर निकल आए थे. भूकंप से किसी तरह के जानी नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन कई घरों और इमारतों में दरारें आने की सूचना मिली है. पुलिस-प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.
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'रिंग ऑफ फायर' के किनारे बसा जापान
बता दें कि जापान प्रशांत महासागर के 'रिंग ऑफ फायर' के किनारे बसा है, जो ज्वालामुखी क्षेत्र में होने के कारण भूकंप के मद्देनजर बेहद संवेदनशीन एरिया है. जापान 4 प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स के जंक्शन प्रशांत प्लेट, फिलीपींस सागरीय प्लेट, यूरेशियन प्लेट और नॉर्थ अमेरिकी प्लेट पर बसा है. इन प्लेट्स के आपस में टकराने, खिसकने या नीचे धंसने से निकलने वाली तरंगें धरती पर भूकंप का कारण बनती हैं. क्योंकि 4 प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो तरंगें ज्यादा निकलती हैं.
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3 प्लेट्स के नीचे धंस रही है प्रशांत प्लेट
वैज्ञानिकों के अनुसार, जापान के पूर्वी तट पर प्रशांत प्लेट अन्य 3 प्लेट्स के नीचे धंस रही है, जिस वजह से इस इलाके में सिस्मिक एक्टिविटी बढ़ रही हैं. दरअसल, दुनियाभर के भूकंपीय जोन का करीब 18 से 20 प्रतिशत हिस्सा जापान और उसके आस-पास के क्षेत्र में है. चारों प्लेट्स के बीच का घर्षण भी तरंगें पैदा करता है, जो ज्वालामुखी विस्फोट का कारण बनती हैं. वहीं अगर ज्वालामुखी विस्फोट हो और साथ में भूकंप आए तो समुद्र में जलजला आने से सुनामी आने का खतरा रहा है.