US China Relations: अमेरिका और चीन के रिश्ते अब नरम पड़ने लगे हैं, क्योंकि बीते दिन राष्ट्रपति ट्रंप और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच फोन पर बातचीत हुई थी, जिसके बारे में राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर पोस्ट लिखकर बताया. दोनों राष्ट्राध्यक्षों में ताइवान संघर्ष, यूक्रेन-रूस युद्ध, व्यापार समझौते, फेंटेनाइल की तस्करी और कृषि उत्पादों के निर्यात जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.
राष्ट्रपति ट्रंप ने बातचीत के बीच ही राष्ट्रपति जिनपिंग के चीन आने का निमंत्रण स्वीकार किया और उनसे कहा कि वे अपनी टीम के साथ अप्रैल 2026 में बीजिंग जाएंगे. वहीं उन्होंने जिनपिंग को भी अमेरिका आने का निमंत्रण दिया है. दूसरी ओर, चीन के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप और जिनपिंग की बातचीत को सकारात्मक बताया और कहा कि दोनों देश संबंधों में स्थिरता बनाए रखना चाहते हैं.
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ट्रंप ने लिखी ट्रुथ सोशल अकाउंट पोस्ट
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ फोन पर बात करने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने लिखा कि मेरी अभी-अभी एक बहुत ही अच्छी टेलीफोनिक बातचीत हुई. यूक्रेन/रूस, फेंटेनाइल, सोयाबीन और अन्य कृषि उत्पादों सहित कई विषयों पर चर्चा हुई. किसानों के लिए एक अच्छा और बहुत महत्वपूर्ण समझौता किया है. चीन के साथ हमारे संबंध बेहद मजबूत हैं.
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यह बातचीत तीन हफ्ते पहले दक्षिण कोरिया में हुई बेहद सफल बैठक के बाद हुई. दोनों पक्षों ने अपने समझौतों को वर्तमान और सटीक बनाए रखने में उल्लेखनीय प्रगति की है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अप्रैल में बीजिंग आने का निमंत्रण दिया, जिसे स्वीकार कर लिया है. इस साल के आखिर में वे अमेरिका में राजकीय दौरे पर आएंगे. इस बात पर सहमति बनी है कि नियमित रूप से संवाद करना जरूरी है और करते रहेंगे.
बेहद जटिल हैं अमेरिका-चीन के रिश्ते
बता दें कि अमेरिका और चीन दुनिया के 2 सबसे बड़े देश हैं और दोनों के द्विपक्षीय संबंध दुनिया के सबसे जटिल संबंध हैं. दोनों देश वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी सबसे महत्वपूर्ण है. GDP के आधार पर अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और चीन दूसरी अर्थव्यवस्था है. वहीं दोनों देशों के रिश्ते व्यापार, तकनीक, ताइवान, दक्षिण चीन सागर और मानवाधिकार मुद्दों से काफी प्रभावित होते हैं.