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50% हुआ टैरिफ, इससे पहले अमेरिका ने भारत की ‘जेब’ पर कब-कब किया हमला?

Donald Trump Tariffs: रूसी तेल खरीदने से खफा राष्ट्रपति ट्रंप ने एकतरफा टैरिफ लगाते हुए भारत पर 25% एक्सट्रा टैक्स लगाया दिया है। इससे भारत पर कुल 50% टैरिफ हो गया है। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है इससे पहले भी अमेरिका भारत पर टैरिफ की चोट दे चुका है। आइए जानते हैं।

Donald Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैक्स लगाया है, जिससे अब कुल टैरिफ 50% हो गया है। इस आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए अमेरिकी सरकार ने बताया है कि रूस से तेल खरीदने के बाद यह घोषणा की गई है। हालांकि, भारत पर ये पहली बार टैक्स नहीं लगा है। अमेरिका ने भारत की जेब पर इससे पहले भी कई बार भारी-भरकम टैरिफ थोपे हैं कभी स्टील और एल्युमिनियम के नाम पर, तो कभी डिजिटल टैक्स के बहाने। आइए जानते हैं इस बारे में।

कब-कब लगाया गया टैक्स?

1.1970-1990

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उस वक्त देश समाजवादी और आत्मनिर्भर आर्थिक नीतियों में जुटा हुआ था। हालांकि, उस वक्त अमेरिका के साथ व्यापार कम था और कोई बड़ा टैरिफ नहीं लगाया गया था। मगर भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) जैसी प्राथमिकताएं पूरी तरह नहीं मिलती थीं।

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2.2007-2008

जॉर्ज डब्ल्यू बुश की सरकार में भी अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाया था। भारत का टेक्सटाइल और फार्मा एक्सपोर्ट बढ़ने लगा था, जिस पर अमेरिका में कुछ उद्योग समूहों ने दबाव बनाया जिस वजह से यह टैरिफ लगा था। हालांकि, उस वक्त भी कोई बड़ा टैक्स नहीं लगा था।

3.2017-2019

यह डोनाल्ड ट्रंप की पहला कार्यकाल था। यह साल 2018 में लगाया हुआ टैरिफ था जब स्टील पर 25% टैक्स बढ़ाया गया था। इसके साथ एल्यूमिनियम पर 10% इंपोर्ट ड्यूटी लगाई थी। उस वक्त ट्रंप प्रशासन का एजेंडा अमेरिका फर्स्ट और ट्रेड डेफिसिट के तहत काम कर रहा था। उस साल भी भारत के साथ-साथ कई देशों पर टैरिफ लागू किया गया था। इस दौरान अमेरिका से आयात होने वाले सेब, बादाम, अखरोट और काजू पर रेटेलिएटॉरी टैरिफ लगाया गया था।

4.2020-2021

यह ट्रंप और बाइडेन का ट्रांजिशन पीरियड था। इस वक्त कोरोना काल चल रहा था। उस वक्त डिजिटल सेवा पर टकराव हो रहा था। भारत ने विदेशी डिजिटल कंपनियों पर इक्यूलाइजेशन लेवी लगाया था। अमेरिका ने इसे डिस्क्रिमिनेटरी डिजिटल टैक्स बताया और उस पर जवाबी टैरिफ की धमकी दी। हालांकि, तब कोई औपचारिक टैरिफ लागू नहीं हुआ, लेकिन तनाव बना रहा था।

5.2023

जो बाइडेन के कार्यकाल में टैरिफ नहीं बढ़ाया था। मगर भारत के साथ व्यापार को सुधारने की नीति थी। आईपीईएफ (इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क) के जरिए सप्लाई चेन, डिजिटल व्यापार, क्लीन एनर्जी में सहयोग की कोशिशें शुरू हुईं थी।

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