धरती के 2900 किलोमीटर की गहराई में मिले 2 पाताल लोक, वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद रहस्य का किया खुलासा
Scientist found 2 blob depth of earth: जब भी हम इस धरती के बारे में सोचते हैं तो इससे जुड़ी कई ऐसी बातें भी हमारे सामने आती हैं, जिनसे जुड़े रहस्य अभी तक कोई सुलझा नहीं पाया है। लेकिन धरती से जुड़े ऐसे ही एक अनसुलझे रहस्य को अब चीन, अमेरिका और इंग्लैंड के चंद वैज्ञानिकों ने मिलकर सुलझाया है, जो खुद में हैरान कर देने वाला है। दरअसल, इन देशों के वैज्ञानिकों ने दो पाताल लोकों को खोज निकाला है, जिसके बाद दुनिया के लिए रहस्य बने धरती से जुड़े कुछ सवाल सुलझने लगे हैं। वैज्ञानिकों की ओर से किए गए इस शोध के बाद वैज्ञानिकों ने इसका नाम ब्लॉब दिया है।
एक अफ्रीका और दूसरा दक्षिण-प्रशांत महासागर के नीचे मौजूद है पाताल लोक
वैज्ञानिकों की ओर से किए गए शोध में सामने आया है कि एक ब्लॉब अफ्रीका तो दूसरा दक्षिण-प्रशांत महासागर के नीचे मौजूद है। आपको बता दें कि 1970 के दशक में भी भूकंप पर शोध करने वाले विज्ञानियों ने इसका पता लगाया था।
अमेरिकी मीडिया के जरिए सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, शोध में सामने आया है कि जब हमारी धरती का निर्माण हो रहा था, उस दौरान धरती की टक्कर मंगल ग्रह जैसे आकार वाले दूसरे ग्रह थीया से हुई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि इसी टक्कर के बाद चंद्रमा बना था और तभी दो पाताल लोक यानी ब्लॉब का भी निर्माण हुआ था।
धरती के 2900 किलोमीटर की गहराई में मौजूद हैं दो ब्लॉब
शोध करने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि हमारे चंद्रमा के अंदर अभी भी थीया ग्रह के गुण, रसायन, पत्थर, मिट्टी आदि जरूर होंगी। लेकिन इन सब के बीच एक सवाल जो सामने निकल कर आया कि पृथ्वी के भीतर पाए गए दो पाताल लोकों की आखिर संरचना कैसे हुई? सामने आई रिपोर्ट में बताया गया है कि शोध में सामने आए दो पाताल लोक (ब्लॉब) मैंटल के नीचे तकरीबन 2900 किलोमीटर की गहराई में मौजूद हैं।
आपको बताते चलें कि चाइनीज अकेडमी ऑफ साइंसेस के शंघाई एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेटरी के साइंटिस्ट हॉन्गपिंग डेंग ने इस शोध को लेकर बताया कि दोनों पाताल लोक धरती के निर्माण के दौरान ही बने थे।
प्राचीन टेक्टोनिक स्लैब हो सकते हैं दोनों पाताल लोक
बता दें कि हमारी धरती 450 करोड़ सालों से लगातार विकास की राह पर आगे बढ़ रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि शोध में सामने आए दोनों पाताल लोक (ब्लॉब) ने हमारी धरती के कोर को चारों ओर से घेर रखा है, जिससे वैज्ञानिकों को लार्ज लो-शीयर-वेलोसिटी प्रोविंस (LLVPs) का पता चला। वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों ब्लॉब प्राचीन टेक्टोनिक स्लैब हो सकते हैं, जो भारी मात्रा में ऊर्जा से भरे हुए हैं। हाल ही में नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, धरती के वजन का सिर्फ 2-3 फीसदी हिस्सा ही थीया ग्रह के पदार्थों से बना है। लेकिन दोनों पाताल लोक का घनत्व उसके आसपास मौजूद पदार्थों से 2 से 3.5 गुना अधिक है। शोध में ये भी पता चला है कि ब्लॉब में लोहे की मात्रा भी बहुत ज्यादा पाई गई है।
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