कनाडा की लेखिका ने बाइडेन का इन्विटेशन ठुकराया, पूछा- इजराइल का समर्थन कर आप दिवाली कैसे मना सकते हैं?
कनाडा की लेखिका रूपी कौर। -फाइल फोटो
Canadian poet Rupi Kaur declines White House Diwali invitation slams Biden over Gaza crisis: कनाडा की लेखिका और कवयित्री 31 साल की रूपी कौर ने व्हाइट हाउस के दीपावली इवेंट के इन्विटेशन को ठुकरा दिया। साथ ही गाजा संघर्ष पर इजराइल का समर्थन करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना की। अमेरिकी सांसदों की आलोचना करते हुए कौर ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि बाइडेन प्रशासन आखिर ऐसे हालात में दिवाली कैसे सेलिब्रेट कर सकता है। मिल्क एंड हनी की लेखिका ने कहा कि दिवाली असत्य पर धार्मिकता और अज्ञान पर ज्ञान का उत्सव है। ऐसे में दीपावली इवेंट का इन्विटेशन मैंने ठुकरा दिया।
कौन हैं रूपी कौर?
रूपी कौर कनाडा की फेमस कवयित्री, चित्रकार, फ़ोटोग्राफ़र और लेखिका हैं। रूपी कौर अपनी किताब- हीलिंग थ्रू वर्ड्स, होम बॉडी, मिल्क एंड हनी आदि के लिए जानी जाती हैं। 2009 में कविता शुरू करने के बाद वह इंस्टाग्राम पर मशहूर हुईं थीं। 2014 में उनकी किताब मिल्क एंड हनी की 25 भाषाओं में 2.5 मिलियन से अधिक प्रतियां बिकीं थीं और न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्ट-सेलर सूची में 77 सप्ताह तक रहीं थीं। रूपी कौर का जन्म 4 अक्टूबर 1992 को भारत के पंजाब में एक सिख परिवार में हुआ था। वे तीन साल की उम्र में अपने परिवार के साथ कनाडा आ गईं थीं। उन्होंने वाटरलू यूनिवर्सिटी से आर्ट्स में ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की है।
व्हाइट हाउस का निमंत्रण रूपी कौर ने क्यों ठुकराया?
रूपी कौर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए अमेरिकी सरकार की निंदा की। उन्होंने कहा कि मृतकों में 70% महिलाएं और बच्चे हैं। उन्होंने अपना रुख स्पष्ट करते हुए गाजा पर इजराइल के हमलों का विरोध किया। कौर ने कहा- हमने इज़राइल को सफेद फॉस्फोरस बमों का इस्तेमाल करते देखा है, जिसके बारे में एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि इसकी युद्ध अपराध के रूप में जांच की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमने सीएनएन पर इजरायली निवासियों की ओर से वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों को बाहर निकालने और उनके घरों पर कब्जा करने के फुटेज देखे हैं। अपने दक्षिण एशियाई समुदाय को सीधे संदेश में, उन्होंने इजराइल सरकार को जवाबदेह ठहराने की अपील की। उन्होंने कहा कि एक सिख महिला होने के नाते, मैं इजराइल सरकार की कार्रवाइयों पर पर्दा डालने के लिए अपनी फोटोज का इस्तेमाल नहीं होने दूंगी। मैं ऐसी संस्था के किसी भी निमंत्रण को अस्वीकार करती हूं जो युद्ध में फंसे नागरिकों को सामूहिक सजा देने का समर्थन करती है, जिनमें से 50% बच्चे हैं।
रूपी कौर के बयान पर बंटे सोशल मीडिया यूजर्स
रूपी कौर ने एक्स पर जारी किए गए अपने बयान में अन्य लोगों से इजराइल के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाने, विरोध प्रदर्शन में भाग लेने और बहिष्कार करने की अपील की। सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट को अब तक 6.7 मिलियन बार देखा जा चुका है। उधर, उनके पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स अलग-अलग राय रखते दिखे। उनके फैसले का समर्थन करते हुए एक एक्स यूजर ने लिखा- अपनी बात कहने के लिए धन्यवाद। दुनिया में आपके जैसे और लोगों की जरूरत है। एक अन्य ने कहा- गाजा की ओर से आपको धन्यवाद। कुछ लोग रूपी कौर के तर्क से सहमत नहीं दिखे। एक ऐसे ही यूजर ने लिखा- इससे क्या फर्क पड़ता है? एक अन्य ने कहा- क्या आपने सोचा है कि डब्ल्यूएच में आमंत्रित होने से आपको उन लोगों के साथ संबंध बनाने का एक अनूठा विशेषाधिकार मिलता है जिनसे आप असहमत हो सकते हैं और कूटनीति ही वह तरीका है जिससे हम हिंसा को समाप्त कर सकते हैं?
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