Osman Hadi funeral: बांग्लादेश में शरीफ़ उस्मान हादी की मौत के बाद हुए प्रदर्शनों में प्रतिबंधित संगठनों के लोगों की उपस्थिति की खबरें सामने आई हैं, और सुरक्षा एजेंसियों पर इन तत्वों के खिलाफ मूक दर्शक बने रहने के आरोप लगे हैं. वहीं ढाका में शाहबाग के प्रदर्शन में भारत और बांग्लादेश में प्रतिबंधित जिहादी संगठन अंसारुल्लाह बांगला के नेताओं आध्यात्मिक विचारक जासिम उद्दीन रहमानिया और अतौर रहमान बिक्रमपुरी को भीड़ को लीड करते देखा गया. बांग्लादेश में व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है और अब जनता फौज की भी नहीं सुन रही है. यह बांग्लादेश की स्थिरता और आगामी चुनावों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
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बांग्लादेश में अब फौज की भी नहीं सुन रही जनता
बांग्लादेश में अब जनता फौज की भी नहीं सुन रही है. संसद परिसर के पास आज उस्मान हाजी को सुपुर्देखाक किए जाने के बाद भीड़ बेकाबू हो गई और वह पार्लियामेंट की तरफ भागने लगी. मिली जानकारी के मुताबिक भीड़ ने संसद के एक हिस्से में लूटपाट की. आश्चर्य की बात यह है कि फौज भीड़ को रोकती रही लेकिन फौजियों को धकेलते हुए भीड़ आगे बढ़ गई
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क्या कहते हैं पूर्व भारतीय डिप्लोमेट
बांग्लादेश में युवा नेता उस्मान हादी की हत्या के विरोध में देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए, जिनमें मीडिया कार्यालयों पर हमले और तोड़फोड़ शामिल थी. पूर्व भारतीय राजनयिकों और कुछ अन्य स्रोतों ने संकेत दिया है कि मौजूदा कमज़ोर प्रशासन का फायदा उठाते हुए चरमपंथी और इस्लामी ताकतें इन प्रदर्शनों में सक्रिय रही हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, हादी ने प्रतिबंधित संगठनों, जैसे बांग्लादेश खिलाफत यूथ मजलिस के साथ सहयोग किया था, जिसका उद्देश्य शरिया कानून लागू करना है.
क्या कहती हैं सुरक्षा एजेंसियां
सुरक्षा बलों पर प्रदर्शनों के दौरान समय पर कार्रवाई न करने का आरोप लगा है. हालांकि, अधिकारियों ने हिंसा की निंदा की है, संयम बरतने का आग्रह किया है और कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी की है, जिसमें ढाका का राजनयिक क्षेत्र भी शामिल है. वहीं, अंतरिम सरकार ने नागरिकों से अराजक तत्वों द्वारा की गई हिंसा का विरोध करने का आग्रह किया है और हादी के हत्यारों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतने का संकल्प लिया है.