बेगुनाह होकर भी 3 लोगों ने 36 साल काटे जेल में, प्रशासन ने 400 करोड़ मुआवजा देकर चुकाई गलती की कीमत
Baltimore three black men wrongly imprisoned: अमेरिका के बाल्टीमोर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 36 साल तक गलत तरीके से कैद तीन अश्वेत लोगों को 48 मिलियन डॉलर का मुआवजा प्रशासन की ओर से दिया गया है। इन लोगों ने हत्या के ऐसे मामले में अपनी जिंदगी के 36 साल काटे, जो इन्होंने किए ही नहीं थे। जब पुलिस ने इनको अरेस्ट किया, ये लोग किशोर थे।
मैरीलैंड के इतिहास में सबसे बड़ा समझौता बताया जा रहा है। बाल्टीमोर सिटी बोर्ड ऑफ एस्टिमेट्स नामक समझौते को इस सप्ताह मंजूर कर लिया गया है। 2019 में तीनों को दोषमुक्ति मिल गई थी। जिसके बाद अब संघीय मुकदमे को बंद कर दिया गया है।
जासूसों पर गलत तरीके से फंसाने का आरोप लगाया
इन लोगों ने आरोप लगाया था कि गलत तरीके से उनको जासूसों ने फंसाया है। उनके मामलों में गवाहों के साथ जबरदस्ती की गई थी। जिसके बाद बाल्टीमोर शहर के राज्य के अटॉर्नी ने दोबारा जांच के बाद उन्हें निर्दोष पाया। चश्मदीदों ने पिछली गवाही को त्याग दिया, जिसने गलत सजा में योगदान दिया था।
बाल्टीमोर पुलिस विभाग के मुख्य कानूनी सलाहकार जस्टिन कॉनरॉय ने बुधवार को यूट्यूब पर साझा की गई बैठक में जानकारी दी। उन्होंने बोर्ड को बताया ये ये वे लोग हैं, जो किशोरावस्था में जेल गए थे। अब 50 के दशक में युवा दादा के रूप में बाहर आए हैं।
यह भी पढ़ें-‘7 दिन में जिंदा कर दूंगा’…गले पर पैर रख साधना का नाटक, तांत्रिक ने महिला को पीट-पीटकर मार डाला
इनके नाम अल्फ्रेड चेस्टनट, एंड्रयू स्टीवर्ट और रैनसम वॉटकिंस है। जिनको आज हार्लेम पार्क थ्री भी कहा जा रहा है। हर किसी को 14.9 मिलियन डॉलर मिलेंगे। कॉनरॉय ने कहा कि शेष 3.3 मिलियन डॉलर से वकीलों की फीस को कवर करेंगे। अधिकारियों ने नवंबर 1983 में 14 वर्षीय डेविट डकेट की हत्या के आरोप में नाबालिगों को गिरफ्तार किया था। किशोर कक्षा की ओर जा रहा था तभी उसकी नीली जॉर्जटाउन जैकेट को देखकर उसे रोक लिया गया और गोली मार दी गई।
घर की तलाशी में पुलिस को मिली थी जैकेट
चेस्टनट, वॉटकिंस और स्टीवर्ट को उस दोपहर उसी बाल्टीमोर मिडिल स्कूल से उनके पुराने स्टॉम्पिंग मैदान की यात्रा के दौरान हटा दिया गया था। आरोप था कि इससे ये लोग नाराज थे। पुलिस को थैंक्सगिविंग डे के दौरान चेस्टनट के घर की तलाशी के दौरान एक जॉर्जटाउन जैकेट भी मिली थी। लेकिन चेस्टनट की मां के पास इसकी एक रसीद थी।
यह भी पढ़ें-‘लोगों को गोली मारने वाला मेंटली ठीक!’ चार्जशीट में खुलासा; आखिर किस बात पर चलती ट्रेन में किया था 4 लोगों का मर्डर?
जिसके बाद मिड अटलांटिक इनोसेंस प्रोजेक्ट, जो एक कानूनी सहायता समूह है, ने इन लोगों की बेगुनाही साबित करने में मदद की थी। मामले में ऐसे सबूत सामने आए, जिनसे पता चला कि सच्चाई क्या है। कई गवाहों ने अधिकारियों को बताया कि गोली चलाने वाला एक अलग 18 वर्षीय संदिग्ध था। जैसे ही पुलिस हार्लेम पार्क जूनियर हाई स्कूल में पहुंची, एक छात्र ने उसे भागते और बंदूक फेंकते हुए देखा था।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.