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क्या हैं तुर्की में बने Assisguard songar और ये कितने खतरनाक? जिनसे भारत पर हमला कर रहा पाकिस्तान

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण भारतीय सेना ने कई आतंकियों को ठिकाने लगाया। भारत ने शुक्रवार को खुलासा किया कि पाकिस्तान ने सीमा से लगे 36 स्थानों पर नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए तुर्की निर्मित Assisguard songar ड्रोन का इस्तेमाल किया था।

Assisguard Songar drone
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और पाकिस्तान तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किए जाने के मद्देनजर, भारत ने शुक्रवार को खुलासा किया कि इस्लामाबाद ने सीमा पर 36 स्थानों पर नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए तुर्की निर्मित Assisguard songar ड्रोन तैनात किए हैं। पाकिस्तान ने तुर्की निर्मित ड्रोन इस्तेमाल किए। आइए जानते हैं इसके बारे में... बता दें कि तुर्की की राजधानी अंकारा में स्थित, असिसगार्ड एक रक्षा उपकरण और हथियार निर्माता है, जिसकी स्थापना तुर्की के रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने और मित्र देशों के साथ इसके परिणामों को साझा करने के प्रयास में की गई है। सोंगर ड्रोन दिन और रात दोनों भूमिकाओं के लिए 2020 में, सोंगर सशस्त्र मानव रहित हवाई वाहन प्रणाली को तुर्की सशस्त्र बलों की सूची में शामिल किया गया था। दूर से नियंत्रित किए जाने की क्षमता के साथ, सोंगर ड्रोन, मारक क्षमता भी बहुत ज्यादा है। ऑपरेटेड और मैनुअल दोनों मोड में संचालित, सोंगर ड्रोन में एडवांस फीचर, मार्ग-योजना, वास्तविक समय वीडियो प्रसारण और स्वचालित वापसी-से-बेस कार्यक्षमता की विशेषता है। सोंगर ड्रोन दिन और रात के संचालन की क्षमता के साथ आक्रामक और रक्षात्मक दोनों भूमिकाओं के लिए है। 5 किलोमीटर तक मारक क्षमता बता दें कि यह दिन और इन्फ्रारेड कैमरा, सोंगार ड्रोन रीयल-टाइम की इमेजरी और टेलीमेट्री प्रसारित करता है, जिससे ऑपरेटरों को टोही कार्य करने, हमले के बाद की तबाही का विश्लेषण करने और मल्टी ड्रोन मिशनों का समन्वय करने में मदद मिलती है। यह रीयल-टाइम का वीडियो भी प्रसारित कर सकतै है। साथ ही इसकी मारक क्षमता की बात करें तो यह 5 किलोमीटर दूर तक दुश्मन को मार गिरा सकता है। मिनी मिसाइल युक्त सोंगर ड्रोन असिस गार्ड सोंगर' की खासियत यह है कि ये ड्रोन 10 मीटर/सेकंड की रफ्तार से उड़ान भरता है। ड्रोन की प्रभावी शूटिंग रेंज 400 मीटर बताई जाती है। एक ऑपरेशन के दौरान, सोंगार ड्रोन 170 मिमी लंबाई और 40 मिमी व्यास की 6 छोटी मिसाइलें दाग सकता है। मिनी मिसाइल युक्त सोंगर ड्रोन का उपयोग जैसे कि बिना बख्तरबंद और हल्के बख्तरबंद वाहनों, इमारतों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। 2800 मीटर की ऊंचाई पर कर सकता है काम बता दें कि यह मशीन गन से लैस सोंगर ड्रोन 3 किलोमीटर के दायरे में ऑपरेशन कर सकता है और 5.56×45 मिमी नाटो गोला-बारूद के 200 राउंड ले जा सकता है। यह 2800 मीटर की ऊंचाई पर काम कर सकता है। इसका टेकऑफ वजन 44 किलोग्राम तथा पेलोड क्षमता 9 किलो है।   पाकिस्तान ने 300-400 ड्रोन के साथ घुसपैठ की कोशिश की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान भारतीय वायुसेना अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि लेह से सर क्रीक तक 36 स्थानों पर लगभग 300-400 ड्रोन के साथ ड्रोन घुसपैठ की कोशिश की गई। भारतीय सशस्त्र बलों ने गतिज और गैर-गतिज साधनों का उपयोग करके इनमें से कई ड्रोन को मार गिराया। इन बड़े पैमाने पर क्षेत्र में घुसपैठ का संभावित उद्देश्य वायु रक्षा प्रणालियों का परीक्षण करना और खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था। उन्होंने बताया कि ड्रोन के मलबे की जांच की जा रही है और प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चला है कि यह तुर्किये के असिसगार्ड सोंगर ड्रोन का है।   व्योमिका सिंह ने क्या बताया? बता दें कि भटिंडा सैन्य स्टेशन को निशाना बनाने की पाकिस्तान की कोशिश के बारे में बोलते हुए व्योमिका सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के एक सशस्त्र UAV ने भटिंडा सैन्य स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश की। जिसका पता लगाकर उसे निष्क्रिय कर दिया गया। पाकिस्तानी हमले के जवाब में, पाकिस्तान में चार वायु रक्षा स्थलों पर सशस्त्र ड्रोन लॉन्च किए गए। इनमें से एक ड्रोन वायु रक्षा रडार को नष्ट करने में सक्षम था।  


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