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अब मौत की भी ‘भविष्यवाणी’ करेगा AI Tool! जानिए क्या है यह और कैसे करता है काम

Artificial Intelligence Tool That Can Predict Time of Death: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI आज कई ऐसे काम कर रहा है जिनकी कुछ समय पहले तक उम्मीद भी नहीं की जा सकती थी। अब एक ऐसा AI Tool सामने आया है जिसके बारे में दावा है कि वह इस बात की भविष्यवाणी भी कर सकता है कि किसी की मौत कब होगी।

Representative Image (Pixabay)
Artificial Intelligence Tool That Can Predict Time of Death : ज्यादातर लोग यह तो जानना चाहते हैं कि उनका जीवन कितना लंबा होगा लेकिन यह नहीं जानना चाहते कि उनकी मौत कब होगी। लेकिन कुछ लोग इस बारे में भी रुचि रखते हैं। ऐसे में एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल (AI Tool) सामने आया है जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह इस बात का अनुमान लगा सकता है कि किसी की मौत कब होगी। न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के में इस एआई टूल के बारे में जानकारी दी गई है। इसे टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क के एक प्रोफेसर सुनी लेहमान ने डेवलप किया है। Life2vec नाम का यह एआई किसी व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पक्षों (उसकी इनकम, प्रोफेशन, रहने की जगह आदि) को एनालाइज करता है और उसकी लाइफ एक्सपेक्टेंसी का अनुमान लगाता है। कहा जा रहा है कि इसके अनुमान लगभग 75 प्रतिशत सही साबित हुए हैं।

60 लाख लोगों पर की थी रिसर्च

रिपोर्ट के अनुसार लेहमान की टीम ने इस एआई टूल के लिए साल 2008 से 2020 के बीच डेनमार्क के 60 लाख लोगों पर रिसर्च की थी। इस रिसर्च में life2vec के जरिए यह अनुमान लगाने की कोशिश की गई थी कि एक जनवरी 2016 के बीच किन लोगों के कम से कम चार साल और जीने की उम्मीद है। इसमें लोगों के जीवन की घटनाओं को सीक्वेंस की तरह बनाया गया था और किसी भाषा में शब्दों से वाक्य बनने की प्रक्रिया से तुलना की गई थी।

इस तरह करता है भविष्यवाणी

इस एआई टूल का एक्यूरेसी रेट काफी सही था। इसने लगभग बिना किसी गलती के यह अनुमान लगा लिया था कि किन-किन लोगों की मौत साल 2020 तक हो जाएगी। इसका एक्यूरेसी रेट 75 प्रतिशत से ज्यादा था। इस अध्ययन में जल्दी मौत का कारण बनने वाले फैक्टर्स के बारे में भी बताया था। ये फैक्टर्स मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होना या नौकरी आदि थे। वहीं अधिक इनकम और लीडरशिप रोल्स जैसे फैक्टर्स लंबे जीवन से जुड़े मिले थे।

पब्लिक नहीं हुआ है ये AI टूल

लेहमान के मुताबिक नैतिक मूल्यों को देखते हुए इस अध्ययन में भाग लेने वाले किसी भी व्यक्ति को उनके जीवन के अनुमान के बारे में नहीं बताया गया था। अभी यह एआई टूल आम जनता या कॉरपोरेशंस के लिए नहीं आया है लेकिन लेहमान और उनकी टीम यह जानने के लिए इस पर और काम करना चाहते हैं कि यह किस तरह यह एआई प्राइवेसी से समझौता किए बिना उन फैक्टर्स की पहचान कर सकता है जिससे लोगों का जीवन लंबा हो सके। ये भी पढ़ें: चीनी स्मार्टफोन मेकर Vivo ने भारत को कैसे दिया धोखा? ये भी पढ़ें: क्या है भारत की पहली विंटर आर्कटिक एक्सपीडिशन ये भी पढ़ें: Whatsapp यूजर्स के लिए चेतावनी, चैट हो सकती है लीक ये भी पढ़ें: आपका Laptop भी हो गया है स्लो? ऐसे बढ़ाएं Speed डिस्क्लेमर: News24 इस एआई टूल की विश्वसनीयता या सटीकता का दावा नहीं करता है।  


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