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Andes Plane Crash: जिंदा रहने के लिये 2 महीने तक 16 लोगों ने खाया साथियों का मांस, पढ़ें दर्दनाक हादसे की कहानी

Andes Plane Crash: एंडीज प्लेन क्रैश इतिहास के सबसे भयानक विमान हादसों में से एक हैं। आज यानी 23 दिसंबर के दिन ही 16 यात्रियों को बचाव दल द्वारा बचा लिया गया था और दुनिया के इस भयानक प्लेन हादसे की कहानी दुनिया के सामने आई थी।

Andes Plane Crash
Andes Plane Crash: हम पौराणिक काल में नरभक्षी राक्षसों के बारे में पढ़ते और सुनते थे कि वे जिंदा मनुष्यों को मार कर उनका मांस खा जाया करते थे। लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसा कलयुग में भी हुआ है। 13 अक्टूबर 1972 की वह घटना आज भी इतिहास में दर्ज है। लेकिन इस घटना का जिक्र हम आज इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इस घटना के 60 दिन बाद यानी 23 दिसंबर के दिन ही इस घटना में जीवित बचे 16 लोग दुनिया के सामने आये थे। उनकाे रेस्क्यू टीम ने 10 दिन तक बर्फ की चट्टानों के बीच खोजा। आइये जानते हैं 13 अक्टूबर के दिन हुआ क्या था? इतिहास में 13 अक्टूबर की घटना को एंडीज प्लेन क्रैश के नाम से जाना जाता हैं। यह घटना इतनी भयानक थी कि लोग जब इसे याद करते हैं तो आज भी सिहर उठते हैं। इस घटना में जीवित बचे लोगों ने जिंदा रहने के लिए अपने ही साथी लोगों को मारकर खा गये। जानकारी के अनुसार आज से उरुग्वे एयरफोर्स की उड़ान संख्या 571 एक रग्बी टीम और उनके कुछ दोस्तों को लेकर चिली के रवाना हुई थी। उड़ान में 45 यात्री और चालक दल के 5 लोग सवार थे। जब विमान एंडीज पर्वत के ऊपर पहुंचा तो खराब मौसम के कारण क्रैश हो गया।

हादसे में 22 लोगों की हुई थी मौत

जानकारी के अनुसार विमान अपने चिली से 60-70 किमी. दूर था। इस दौरान जैसे ही वह नीचे उतरने लगा तो वह पहाड़ से टकरा गया। जानकारी के अनुसार विमान जब नीचे उतरा तो उसकी गति 350 किमी. प्रति घंटे थी। विमान जब नीचे गिरा तो ग्लेशियर होने के कारण नीचे फिसल गया। विमान के क्रैश होने के बाद चालक दल के 3 सदस्यों और 9 यात्रियों की तुरंत मौत हो गई। इसके बाद अगले 60 दिनों में 13 और यात्रियों की मौत ठंड और अन्य कारणों से हो गई।

ऐसे हुआ 16 यात्रियों का रेस्क्यू

इस दौरान बचाव दल की ओर से अनेक प्रयास उनको बचाने की ओर से किए गए। लेकिन बर्फ के रेगिस्तान से ढके पहाड़ में बचाव दल के अधिकारियों को लोग नजर नहीं आए। इस दौरान जीवित यात्रियों ने आपस में ही एक-दूसरे को मार कर खाना शुरू कर दिया। इसके बाद जब मौसम में सुधार हुआ। तो उन 16 जीवित बचे यात्रियों में से दो यात्री नंदो पाराडो और राॅबर्टो कैनेसा 10 दिनों की यात्रा करके चिली पहुंचे। आखिर में 23 दिसंबर 1972 में 16 लोगों को बचाया जा सका। इस पूरी घटना पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं।


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