Supreme Court Unique decision: सुप्रीम कोर्ट ने 27 साल पहले दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिए गए व्यक्ति की सजा को रद्द कर दिया है। इस अनोखे फैसले की हर तरफ चर्चा है। जिस युवक की हम बात कर रहे हैं वो 21 साल से अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ रह रहा है। कोर्ट ने इस मामले में सजा सुनाते हुए कहा है कि इस केस की परिस्थितियों को देखते हुए सजा देना अन्याय होगा। जस्टिस बीबी नागरत्ना और जस्टिस सत्येश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा, इस मामले में आरोपी ने बाद में प्रोसेक्यूट्रिक्स से शादी कर ली थी और अब उसके चार बच्चे भी हैं। विशेष परिस्थितियों में हमें भारतीय संविधान ते अनुच्छेद 141 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करती है। इस केस के मामले में आरोपी को रेप और अपहरण के मामले में दोषी ठहराया गया था। उस समय महिला नाबालिग थी। 2003 में दोनों ने शादी कर ली थी, अब व्यक्ति को आखिरकार निर्दोष करार दे दिया गया है।