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कौन है ‘हमास का लादेन’ कहलाने वाला याह्या सिनवार? जिसे गाजा में खोज रही है इजराइली सेना

Who is Yahya Sinwar:याह्या सिनवार का जन्‍म 1962 में हुआ था और वह दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर में पला-बढ़ा। उस दौर में यह शहर मिस्र के नियंत्रण में था। इजरायली सेनाओं ने उसके गृहनगर के नाम पर सिनवार को "खान यूनिस का कसाई" कहा है।

कौन है 'हमास का लादेन' कहलाने वाला याह्या सिनवार।
Who is Yahya Sinwar: इजरायल पर हमास के चौंकाने वाले हमले के बाद से एक नाम काफी चर्चा में है और वो नाम है याह्या सिन‍वार का है। इजरायल का आरोप है कि उसने साजिश रची और इजरायल फर हमला किया। एक अधिकारी ने सिनवार को 'बुराई का चेहरा' तक कह डाला। इजरायल अब बदले के लिए गाजा पट्टी पर रोज राकेट बरसा रहा है और वह गाजा में जमीनी हमले की तैयारी कर रहा है। इजरायली सुरक्षा बलों के एक प्रवक्ता ने कहा है कि सिनवार और उनकी टीम हमारी नजरों में हैं। हम उसे किसी भी तरह से पकड़ लेंगे। सिनवार का जन्‍म 1962 में हुआ और वह दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर में पला-बढ़ा है। उस दौर में यह शहर मिस्र के कब्जे में था। इजरायली सेनाओं ने उसके गृहनगर के नाम पर सिनवार को "खान यूनिस का कसाई" कहा है। सिनवार का परिवार पहले अश्कलोन में रहता था जो आज दक्षिण इजरायल में है। लेकिन 1948 में इजरायल द्वारा अश्कलोन पर नियंत्रण करने के बाद उन्हें गाजा में स्थानांतरित होना पड़ा था। अश्‍कलोन को पहले अल-मजदल के नाम से जाना जाता था। सिनवार ने गाजा में इस्लामिक विश्वविद्यालय से अरबी अध्ययन में स्नातक की डिग्री ली है। यह भी पढ़ें : गाजा के हजारों लोग राफा बॉर्डर पर हुए इकट्ठे, इज़रायल ने युद्धविराम की खबरों का किया खंडन सिनवार करीब 24 साल जेल में रहा। उसे 1982 में पहली बार विध्‍वंसक गतिविधियों के चलते गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसने एक यूनिट बनाने के लिए सलाह शेहादे के साथ गठजोड़ किया, जिसने फिलिस्तीनी आंदोलन के भीतर मौजूद इजराइल के जासूसों को अपना निशाना बनाया। 2002 में शेहादे को इजरायल की सेना ने गोली मार दी। उस वक्‍त वह हमास की सैन्य शाखा का नेतृत्व कर रहा था। साल 1987 में हमास की स्थापना के बाद सिनवार द्वारा स्थापित इकाई संगठन के भीतर एक शाखा बन गई। सिनवार को 1988 में दो इजरायली सैनिकों और चार फिलिस्तीनियों की हत्या में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था, जिस पर उसे इजरायल के लिए काम करने का संदेह था। अगले साल सिनवार को चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। हमास की सैन्य शाखा इज्‍ज अद-दीन अल-कसम ब्रिगेड की एक टीम ने 2006 में इजरायल के इलाके में प्रवेश करने के लिए सुरंग का इस्तेमाल करते हुए एक सेना चौकी पर हमला कर दिया। उन्होंने दो इजरायली सैनिकों को मार दिया और कई को घायल कर दिया। साथ ही एक सैनिक गिलाद शालित को पकड़ लिया गया। शालित पांच साल तक कैद में था, जिसे 2011 में कैदियों की अदला-बदली में रिहा कर दिया गया। हालांकि शालित की रिहाई के बदले इजरायल ने 1,027 फिलिस्तीनी और इजरायली अरब कैदियों को रिहा किया था, उनमें से एक सिनवार भी था। अमेरिका ने सिनवर को आतंकी घोषित किया रिहाई के बाद के सालों तक हमास में सिनवार का कद बढ़ता गया। साल 2015 में सिनवार को अमेरिका ने वांछित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में डाला दिया। अमेरिकी विदेश विभाग के एक दस्तावेज में सिनवार को आतंकी घोषित करने की घोषणा करते हुए कहा कि उसे हमास की सैन्य शाखा इज्‍ज दीन अल-कसम ब्रिगेड की स्थापना में उसकी भूमिका अग्रदूत की है। 2017 में सिनवार को गाजा में हमास का प्रमुख बना दिया गया। इजरायल पर हमले की साजिश का आरोप इजरायल ने सिनवार पर इजरायल के शहरों पर हुए हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट ने पत्रकारों से कहा, 'याह्या सिनवार बुराई का चेहरा है। वह इसके पीछे का मास्टरमाइंड है, जैसे (ओसामा) बिन लादेन (9/11 के लिए) था।' यह भी पढ़ें : Explainer: फिलिस्तीन में कैसे आए थे यहूदी और इजरायल कैसे बना था अलग देश?


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