TrendingMaha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025Samsung Galaxy S25 seriesUP Diwas 2025Republic Day 2025IPL 2025

---विज्ञापन---

Election Analysis : राजस्थान की विधानसभा में इस बार सिर्फ 20 महिला विधायक; 2 दशक की सबसे कम भागीदारी

Election Analysis : Women MLAs In Rajasthan Assembly : राजस्थान की 199 सदस्यों वाली विधानसभा में इस बार सिर्फ 20 महिला प्रतिनिधि शामिल होंगी, जो पिछले 2 दशक में सबसे कम भागीदारी है।

राजस्थान के बीकानेर पश्चिम से विजयी रही भाजपा उम्मीदवार सिद्धि कुमारी जश्न मनाते हुए।
Election Analysis, जयपुर: देश में महिला सशक्तिकरण पर बात हो रही है। यहां तक कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम भी अस्तित्व में आ चुका है, लेकिन बावजूद इसके राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं की वो भागीदारी नजर नहीं आ रही, जो होनी चाहिए। बात हाल ही के दिनों में गठित होने वाली राजस्थान विधानभा की हो रही है, जहां 199 निर्वाचित विधायकों में से महिला विधायकों की गिनती सिर्फ 20 ही है। राज्य के नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाली विधानसभा में महिला विधायकों की यह गिनती विश्लेषणात्मक नजरिये से देखी जाए तो पिछले 2 दशक बाद अपने निम्नतम स्तर पर है।

ये है पांच बार के चुनाव का आंकड़ा

राजस्थान विधानसभा में पिछले 20 साल में महिलाओं की भागीदारी का विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि 2003 में 12 सिर्फ महिलाएं जीत की माला पहनकर सदन में पहुंची थी। 2008 में यह गिनती बढ़कर 28 हो गई और 2013 में भी आंकड़ा बरकरार रहा। 2018 में राजस्थान की महिला विधायकों की संख्या घटकर 24 रह गई, लेकिन इस बार यह 4 गिनती चार और कम हो गई। इस बार 199 में से महिला विधायकों की तादाद सिर्फ 20 ही बन पाई है। जहां तक पार्टी के हिसाब से वर्गीकरण की बात है, इन 20 में से भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस से 9-9 महिलाएं सदन का हिस्सा बनी हैं। इनके अलावा 2 महिला विधायक निर्दलीय चुनी गई हैं।

19 जिलों में महिलाओं का वोट प्रतिशत ज्यादा

गौरतलब है कि चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार राज्य के 33 जिलों में से लगभग 19 जिलों में  41,006 ग्रामीण बूथों में कुल मतदाताओं में से 76.11% महिलाओं ने मतदान किया, जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत 75.27 था। अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, चूरू, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनू, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, सिरोही और उदयपुर के ग्रामीण मतदान केंद्रों पर लगभग 80% महिलाओं ने मतदान किया, वहीं लगभग 78% पुरुषों ने मतदान किया। सीकर, पाली, झुंझुनू, राजसमंद और डूंगरपुर शीर्ष पांच जिले हैं, जहां महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा। सीकर में महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में 6.65% अधिक मतदान किया, जबकि पाली में पुरुषों और महिलाओं के मतदान का अंतर 5.42%, झुंझुनू में 5.02%, राजसमंद में 4.72% और डूंगरपुर में 4.50% था। इस बीच, इस चुनाव में केवल छह जिलों के शहरी बूथों पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मतदान अधिक दर्ज किया गया है। बांसवाड़ा, चूरू, डूंगरपुर, नागौर, झुंझुनू और सीकर के शहरी बूथों पर 25 नवंबर को लगभग 73% महिलाओं ने मतदान किया, जो पुरुषों के मतदान प्रतिशत से लगभग 2.5% अधिक है। यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री के लिए क्यों उभर रहा रेवंत रेड्डी का नाम? राहुल गांधी के साथ नजदीकियां या तेलंगाना के लिए उठाए कदम

पांच राज्यों में 680 सीटों पर 8 हजार से ज्यादा उम्मीदवार थे मैदान में

उधर, देश की विभिन्न विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व लंबे समय से सुर्खियों में रहा है। संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने पर राजनैतिक दलों द्वारा इसकी सराहना और जश्न मनाने के बाद यह और अधिक प्रमुख हो गया। इस विचार को स्पष्ट मंजूरी दिए जाने के बाद राजस्थान उन पहले कुछ राज्यों में से एक था, जहां चुनाव हुए। हालांकि आरक्षण विधेयक अभी भी जमीनी हकीकत नहीं बन पाया है, लेकिन अधिक महिला प्रतिनिधित्व की आवश्यकता राजनैतिक दलों के लिए प्राथमिकता नहीं लगती है। कुल मिलाकर, पांच राज्यों राजस्थान, मिजोरम, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में लगभग 680 सीटों के लिए 8,000 से अधिक उम्मीदवार मैदान में थे। यह अलग बात है कि पार्टियों द्वारा महिलाओं के लिए 33% आरक्षण के विचार की सराहना करने के बावजूद, कुल महिला प्रतिनिधित्व 10% से भी कम था। यह भी पढ़ें: कौन हैं ‘बाबा बवाल’ बालमुकुंद आचार्य, जिन्होंने चुनाव जीतते ही ‘बालकनाथ’ को दे दी टक्कर


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.