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माउंटेन बाइकिंग एक्सीडेंट में गंवाए पैर, अब व्हीलचेयर पर बैठकर करेंगी अंतरिक्ष की सैर; जानें- कौन हैं ये शख्सियत

जेफ बेजोस की एयरोस्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन अंतरिक्ष में पहली बार व्हीलचेयर यूजर को भेजकर इतिहास रचने जा रही है

मिशेला बेंटहॉस एक जर्मन एयरोस्पेस और मेकाट्रोनिक्स इंजीनियर हैं.

दिग्गज अरबपति जेफ बेजोस की एयरोस्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन इतिहास रचने जा रही है. यह कंपनी अंतरिक्ष में पहली बार एक व्हीलचेयर यूजर को भेजने जा रही है. एयरोस्पेस और मेकाट्रोनिक्स इंजीनियर, मिशेला 'मिची' बेंटहॉस, NS-37 मिशन के तहत अंतरिक्ष में जाएंगी. इनके अलावा चालक दल के पांच अन्य सदस्य भी इस मिशन में शामिल होंगे. इस मिशन के तहत यह रॉकेट कर्मन रेखा के पार जाएगा. यह रेखा धरती से करीब 62 मील (यानी 100 किमी) ऊपर स्थित है. इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाहरी अंतरिक्ष की सीमा के रूप में जाना जाता है.

बेंटहॉस साल 2018 में एक माउंटेन बाइकिंग हादसे में जख्मी हो गई थीं. इसके बाद से वह व्हीलचेयर यूज कर रही हैं. इस मिशन में उनके साथ इंजीनियर हंस कोनिग्समैन, एंटरप्रेन्योर नील मिल्च, इन्वेस्टर जॉय हाइड और एडोनिस पौरौलिस और जेसन स्टैनसेल भी शामिल होंगे.

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कौन हैं मिशेला 'मिची' बेंटहॉस?

  • मिशेला बेंटहॉस एक जर्मन एयरोस्पेस और मेकाट्रोनिक्स इंजीनियर हैं. उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने मेकाट्रोनिक्स, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की . इसके बाद उन्होंने म्यूनिख की टेक्निकल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने मास्टर डिग्री ली.
  • साल 2024 में उन्होंने यूरोपीयन स्पेस एजेंसी बतौर यंग ग्रेजुएट ट्रेनी ज्वाइन किया था. इससे पहले वह साल 2016 से कई रिसर्च सेंटरों में काम कर चुकी थीं.
  • साल 2018 में वह एक माउंटेन बाइकिंग हादसे का शिकार हो गई थीं. इस दौरान उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी. इस चोट की वजह से वह चल नहीं पाती हैं. वह तब से ही व्हीलचेयर यूज कर रही हैं.
  • दिसंबर 2022 में उन्होंने ह्यूस्टन से एक पैराबोलिक जीरो-ग्रेविटी उड़ान में हिस्सा लिया था. बाद में उन्हें 'एस्ट्रो एक्सेस' एंबेसडर के रूप में चुना गया. फिर दूसरे ज़ीरो-ग्रेविटी फ्लाइट क्रू में शामिल हुईं.
  • अप्रैल 2024 में, बेंटहॉस ने पोलैंड के लुनारेस रिसर्च स्टेशन में एक 'एनालॉग एस्ट्रोनॉट मिशन' मिशन में हिस्सा लिया.
  • यहां उन्होंने एक इंटरनेशनल टीम के साथ दो सप्ताह की आइसोलेशन एक्सरसाइज में मिशन कमांडर के रूप में काम किया.
  • लुनारेस में ही दुनिया का पहला ऐसा एनालॉग स्पेस हैबिटेट है, जिसमें व्हीलचेयर एक्सेसिबल है.
  • प्रोफेशनल वर्क के अलावा बेंटहॉस स्पोर्ट्स में भी काफी एक्टिव रहती हैं. वह व्हीलचेयर टेनिस खेलती हैं.

यह भी पढ़ें : दुनिया के लिए खतरा बना रूस! अंतरिक्ष में चोरी-छिपे कर रहा ये काम, क्या अब शुरू होने वाली है ‘स्पेस वार’?

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क्या है यह मिशन

यह उड़ान 10-12 मिनट की होगी. यह ग्रुप पृथ्वी पर लौटने से पहले कई मिनटों तक माइक्रोग्रैविटी का अनुभव लेगा. NS-37 मिशन, ब्लू ओरिजिन की 16वीं मानव अंतरिक्ष उड़ान होगी. यानी यह कंपनी 16 बार मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेज चुकी है. अब तक, कंपनी ने 86 लोगों को कर्मन रेखा के पार पहुंचाया है. इनमें से 80 लोग वो शामिल हैं, जिन्होंने पहले कभी अंतरिक्ष की यात्रा नहीं की थी.


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