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Holi 2023: इस शहर को छोड़कर 8 मार्च को देश भर में खेली जाएगी होली, जानें कब होगा होलिका दहन, क्यों है इतना महत्त्व

Holika Dahan 2023: रंगों का त्योहार – सबसे बड़े और सबसे शुभ हिंदू त्योहारों में से एक है, जिसे दुनिया भर में भारतीयों द्वारा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष, होली 8 मार्च को है। होली से पहले, लोग छोटी होली या होलिका दहन के त्योहार को करते हैं । होलिका दहन कब […]

HOLI 2023
Holika Dahan 2023: रंगों का त्योहार - सबसे बड़े और सबसे शुभ हिंदू त्योहारों में से एक है, जिसे दुनिया भर में भारतीयों द्वारा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष, होली 8 मार्च को है। होली से पहले, लोग छोटी होली या होलिका दहन के त्योहार को करते हैं ।

होलिका दहन कब है 2023?

इस साल, यह 6 या 7 मार्च को पड़ने पर भ्रम की स्थिति है। विभिन्न पंचांगों के अनुसार होली 7 और 8 मार्च को मनाई जाएगी। काशी पंचांग के अनुसार वाराणसी में होली का पर्व 7 मार्च और अन्य स्थानों पर 8 मार्च को मनाया जाएगा। होलिका दहन 6 मार्च को होगा। जानिए इसके पीछे का कारण?

काशी को छोड़कर पूरे देश में 8 मार्च को होली

पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 6 मार्च को शाम 4.18 बजे से शुरू होगी, जो 7 मार्च को शाम 5.30 बजे समाप्त होगी। इसके बाद चैत्र कृष्ण प्रतिपदा शुरू होगी। लेकिन शास्त्र के अनुसार प्रतिपदा तिथि उदया तिथि में है, तो चैत्र प्रतिपदा 8 मार्च को होगी, इसलिए काशी को छोड़कर पूरे देश में 8 मार्च को होली मनाई जाएगी।

होली मनाने अलग परंपरा

वाराणसी में होली मनाने की अलग ही परंपरा है। काशी में रात को होलिका दहन होता है और अगले दिन होली मनाई जाती है चाहे वह प्रतिपदा हो या पूर्णिमा. यह शास्त्र से भिन्न परम्परा है। होलिका दहन के अगले दिन काशीवासी चौसठवीं देवी योगिनी यात्रा निकालते हैं और अबीर और गुलाल से खेलते हैं। चौषष्ठी देवी का वास वाराणसी में ही है और इस परंपरा का पालन भी काशी के लोग ही करते हैं। तो इस साल काशी में 7 मार्च को होली मनाई जाएगी और अन्य जगहों पर 8 मार्च को होली मनाई जाएगी।

वाराणसी में होली 7 मार्च को

काशी में यह परंपरा है कि होलिका दहन के अगले दिन होली मनाई जाती है और इसका सीधा संबंध चौषष्ठी यात्रा की परंपरा से है, इसलिए 6 और 7 मार्च की मध्यरात्रि में होलिका दहन के बाद अगले 7 मार्च की सुबह वाराणसी में होली मनाई जायेगी।

होलिका दहन का महत्व

हिंदू धर्म के अनुसार होलिका दहन का पौराणिक और धा4मिक महत्व दोनों ही है। क्योंकि होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। इसके साथ ही इस दिन होलिका दहन की विधिवत पूजा करते हैं और अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इतना ही नहीं इसके साथ ही बसंत ऋतु का स्वागत करते हुए अग्नि देवता को धन्यवाद देते हैं।


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