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टेलीकॉम कंपनियों का कारोबार ठंडा कर सकती है Heatwave, मोबाइल सेवाओं पर पड़ सकता है असर

Heatwave Impacts On Indian Telecom Companies: लगातार बढ़ रही गर्मी भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के खर्च में बढ़ोतरी कर सकती है। कई कंपनियों के कारोबार पर असर पड़ सकता है। हीटवेव के कारण कई कंपनियों की सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। मोबाइल कनेक्टिविटी में बाधा आने से लोगों को भी दिक्कतें हो सकती हैं।

गर्मी का कहर दिखने लगा है।
Heatwave Impacts: हीटवेव का असर भारतीय टेलीकॉम कंपनियों पर हो सकता है। लगातार बढ़ते टेंपरेचर के कारण फिलहाल टावरों का एयर कंडीशनिंग खर्च बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि पहले के बजाय दूरसंचार कंपनियों को 3 से 5 फीसदी तक अधिक बिजली और ईंधन खर्च देना पड़ सकता है। वहीं, हीटवेव के कारण मोबाइल कनेक्टिविटी बाधित होने के कारण कई कंपनियों की सेवाओं पर सीधा असर पड़ सकता है। अच्छी टावर इंस्टॉलेशन के कारण कंपनियों की सेवाएं 24x7 शानदार रहती हैं। लेकिन अब टावरों पर एयर कंडीशनिंग खर्च बढ़ने के कारण कंपनियों की आय पर असर होगा। हीटवेव के कारण टावर नेटवर्क विस्तार धीमा हो सकता है। यह भी पढ़ें: अंग्रेजी से हिंदी माध्यम में बदले जाएंगे सरकारी स्कूल, भजनलाल पलटेंगे गहलोत सरकार का फैसला! एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों की ओर से दावा किया गया है कि हीटवेव ऐसे ही जारी रही, तो जियो, वोडाफोन आइडिया और एयरटेल जैसी कंपनियों का बिजली और ईंधन का खर्च बढ़ जाएगा। क्योंकि आमतौर पर टावर कंपनियां ऊर्जा लागत में किसी प्रकार का बदलाव खर्च टेलीकॉम कंपनियों से ही लेती हैं। हीटवेव के कारण टावरों का विस्तार करने में भी परेशानियां आ सकती हैं। थोड़े समय बाद ही इसका असर देखने को मिल सकता है। अगर गर्मी लगातार बढ़ती है, तो इसका पर्यावरण पर भी गहरा असर होगा। बड़ी टेलीकॉम कंपनियों का एयर कंडीशनिंग खर्च 3 से 5 गुना तक अधिक हो सकता है। डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण टेलीकॉम कंपनियों को अधिक खर्चा उठाना पडे़गा। https://twitter.com/MoHFW_INDIA/status/1785511694225342736

टावरों पर खर्चा करना जरूरी क्यों?

विशेषज्ञों का मानना है कि टावरों पर खर्च करना भी जरूरी है, क्योंकि इसके बिना सेवाएं बाधित होंगी। अभी कंपनियों को जितनी साल में आय होती है, उसका लगभग 55 फीसदी हिस्सा नेटवर्क परिचालन के लिए खर्च होता है। टेलीकॉम कंपनियों को ही ऊर्जा खपत का पैसा देना होता है। जिसमें बैटरी तक की लागत शामिल होती है। विशेषज्ञों की ओर से दावा किया गया है कि अगर आम चुनाव के बाद तेल के दाम बढ़े, तो यह टेलीकॉम कंपनियों के लिए दोहरी चुनौती होगी। जब तक गर्मी कम नहीं हो जाती, तब तक टेलीकॉम कंपनियों के मार्जिन के स्तर पर असर रहेगा।


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