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Cyclone Dana से पहले भी आ चुके हैं पांच विनाशकारी तूफान, एक में गई थी 5 लाख लोगों की जान

5 Deady Cyclone In India : Cyclone दाना ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कई क्षेत्रों में दस्तक दे दी है। इससे उन क्षेत्रों में तबाही मच रही है। तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। हम आपको भारत के पांच विनाशकारी तूफान के बारे में बताने जा रहे हैं।

5 Deady Cyclone In India : चक्रवात शक्तिशाली तूफान होते हैं जो भारी तबाही मचाते हैं। भारत में कई बार विनाशकारी तूफानों ने तबाही मचाई। अब एक बार फिर 'दाना' ने दस्तक दी है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में शक्तिशाली चक्रवाती तूफान दाना ने तबाही मचाई है। 110 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारत भारिश हुई। अभी नुकसान को लेकर कोई जानकारी नहीं है लेकिन आज हम आपको भारत के पांच सबसे खतरनाक तूफान के बारे में बताने जा रहे हैं।

ओडिशा Cyclone

29 अक्टूबर, 1999 को ओडिशा में विनाशकारी तूफान आया था। इस सुपर साइक्लोन की रफ्तार 260 किमी प्रति घंटे थी और पारादीप में लैंडफॉल बनाते हुए ओडिशा के तट टकराया था। इस तूफान में करीब 10,000 लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हुए थे।

आंध्र Cyclone 967

1990 में आए आंध्र चक्रवात ने जमकर कहर बरपाया था। 1977 में आंध्र प्रदेश चक्रवात के बाद दक्षिणी भारत को प्रभावित करने वाली सबसे बुरी आपदा थी। यह भारत के चेन्नई से लगभग 600 किमी (375 मील) दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी के ऊपर था। 8 मई की सुबह ये एक सुपर चक्रवाती तूफान बन गया। इसमें करीब 967 लोगों की मौत हुई थी।

चक्रवात तौकते

साल 2021 में आया चक्रवात तौकते एक बेहद शक्तिशाली चक्रवात था। इस चक्रवात ने महाराष्ट्र और गुजरात प्रभावित किया था। भारी बारिश और तेज हवाओं की वजह से इस चक्रवात ने 150 से अधिक लोगों की जान ली थी।

चक्रवात निशा

साल 2008 में चक्रवात निशा के कारण तमिलनाडु के कुछ इलाकों में भयंकर तबाही मची थी। कई इलाके बाढ़ में डूब गए थे। इस तूफान में 200 लोगों की जान चली गई थी। इस तूफान ने किसानों को बुरी तरह प्रभावित किया था। इस आपदा के कई दिनों बाद तक परिवहन समेत कई सेवाएं बाधित हुई थीं।

चक्रवात भोला

1970 में आए चक्रवात 'भोला' को इतिहास का सबसे घातक, विनाशकारी और सबसे खतरनाक चक्रवात माना जाता है। बांग्लादेश और भारत के कुछ हिस्सों को इसने बुरी तरह प्रभावित किया था। आंकड़ों की मानें तो इस तूदान में 300,000 से 500,000 लोगों की मौत हो गई थी। तूफान के साथ ही निचले इलाकों में बाढ़ आ गई थी और लोगों की जान चली गई थी।


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