Bourbon Whiskey : व्हिस्की पीने के लिए शौकीन लोगों को बॉर्बन व्हिस्की के बारे में जानकारी होगी। भारत की तरफ से बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ को 150 प्रतिशत से घटाकर 100 प्रतिशत कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दक्षिण एशियाई बाजारों में अनुचित शुल्क वसूले जाने की आलोचना की थी, इसी के बाद यह कदम उठाया गया। बॉर्बन व्हिस्की पर सीमा शुल्क में 50 प्रतिशत की कटौती की घोषणा 13 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की बैठक से पहले की गई थी।
सीमा शुल्क में कटोरी के बाद बॉर्बन व्हिस्की पर अब मुख्य सीमा शुल्क 50% होगा, जिसमें 50% की अतिरिक्त लेवी होगी, जिससे कुल सीमा शुल्क 100% हो जाएगा। पहले यह 150 प्रतिशत हुआ करता था। जानकारी के मुताबिक, अमेरिका भारत को बॉर्बन व्हिस्की का प्रमुख निर्यातक है। 2023-24 में भारत ने 2.5 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य की बॉर्बन व्हिस्की का आयात किया था।
बॉर्बन व्हिस्की से जुड़े फैक्ट्स
अब इस व्हिस्की के टैक्स में कटौती की गई तो हर कोई इसके बारे में जानना चाहता है। अब आपको इससे जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट्स बताने जा रहे हैं। बॉर्बन व्हिस्की संयुक्त राज्य अमेरिका की एकमात्र देशी शराब है, जो मकई, राई या गेहूं और माल्ट से बनाई जाती है। इस व्हिस्की में कम से कम 51 प्रतिशत मक्का होता है। बॉर्बन को एक नए सफेद ओक बैरल में रखा जाता है। इसके अलावा, इसमें कोई रंग या स्वाद नहीं मिलाया जा सकता। इसमें 80 से 160 प्रूफ (अल्कोहल का प्रतिशत) होता है।
पहली बार अमेरिका में बना, कहीं और नहीं बनाया जा सकता?
बॉर्बन को सबसे पहले 1800 के दशक में अमेरिका के केंटकी राज्य के बॉर्बन काउंटी में बनाया गया था। कहा जाता है कि इसका नाम किसी देश के शहर के नाम पर रखा गया है, ऐसे में इससे सिर्फ वहीं बनाया जा सकता है लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, ये धारणा गलत है। इसका निर्माण कहीं भी हो, इसे बॉर्बन ही कहा जाएगा लेकिन इसे बनाने के नियमों का ठीक तरीके से पालन किया जाए।
बॉर्बन व्हिस्की को पुराना करने के लिए पहले कभी इस्तेमाल न किए गए बैरल का उपयोग किया जाता है। इसके बाद जिस बैरल में बॉर्बन को पुराना करने के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है, उसे दूसरी व्हिस्की को पुराना करने के लिए फिर से इस्तेमाल किया जाता है लेकिन बॉर्बन के लिए दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। बॉर्बन व्हिस्की कई तरह की होती हैं, इसका इस्तेमाल 'ओल्ड फैशन' से लेकर 'मिंट जूलप' तक के लिए किया जा सकता है जो केंटकी डर्बी का आधिकारिक पेय है।
यह भी पढ़ें : मौत से पहले दिखाई देने लगती हैं ये 5 चीजें! जानें पंडित जी से मृत्यु के रहस्य
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का संकल्प लिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एक महान नेता हैं। हम भारत और अमेरिका के लिए कुछ बेहतरीन व्यापार समझौते करने जा रहे हैं।