TrendingMCD ElectionSanchar Saathiparliament winter session

---विज्ञापन---

भक्त से ‘कथावाचक’ बने अभिनव अरोड़ा का वीडियो देखा क्या? खूब हो रहा वायरल

अभिनव अरोरा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह दिल्ली में कथा करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स हैरानी जता रहे हैं और कुछ सवाल पूछ रहे हैं।

अभिनव अरोड़ा को तो आप सभी पहचानते ही होंगे, उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। अभिनव अरोड़ा की भक्ति देखने के बाद कई लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया, तो कई लोगों ने उनकी तारीफ भी की। कई कथावाचक और संत ने उन्हें आशीर्वाद दिया है और सनातन धर्म के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। अब एक बार फिर अभिनव अरोड़ा चर्चाओं में हैं। इस वक्त अभिनव अरोड़ा अपने वीडियो वायरल होने के कारण ही चर्चाओं में हैं। एक वीडियो में वह एक लग्जरी कार से नीचे उतरते दिखाई दे रहे हैं और उनका फूलों से स्वागत किया जा रहा है। वीडियो पर लिखा है, 'कथा स्थल पर आगमन'। एक अन्य वीडियो में अभिनव अरोड़ा द्वारा शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि सड़क किनारे पोस्टर लगा है, जिसमें अभिनव अरोड़ा के कथा के आयोजन की जानकारी लिखी हुई है।

6 अप्रैल को हुई थी कथा

इस पोस्टर के अनुसार, इस कथा का आयोजन दिल्ली में 6 अप्रैल रामनवमी के अवसर पर किया गया था। पोस्टर के अनुसार, कथा 'राम जन्म भूमि की संगीतमय गाथा' पर आधारित थी। अभिनव के अकाउंट से इस कथा की कुछ तस्वीरों को शेयर कर लिखा गया है कि रामनवमी पर नई दिल्ली में राम जन्मभूमि कथा “मेरी अयोध्या मेरे राम” का आयोजन हुआ। इस अवसर पर कथा सुनने बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए। अब इन तस्वीरों और वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि क्या अभिनव अरोड़ा अब भक्त से बाबा या कथावाचक बन गए हैं? एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि वह अपना नहीं, सनातन धर्म का मजाक बना रहा है। अगर फेमस होना कथा का पैमाना हुआ तो फिर कल को कोई पादरी भी कथा करने का ढोंग कर सकता है। यह भी पढ़ें : खतरनाक बातचीत के लिए इमोजी का इस्तेमाल कर रहे बच्चे, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी एक अन्य ने लिखा कि अभिनव अरोड़ा अब कथा करने लगे? इन्होंने क्या पूरे भागवत का अध्ययन कर लिया होगा? इन्होंने क्या रामचरितमानस को पढ़ लिया? किसी संस्कृत विद्यालय से पठन-पाठन किया? एक अन्य ने लिखा कि बच्चा था, रील बनाता था, भक्ति करता था, सब ठीक था, लेकिन कथावाचक? यह ठीक नहीं है। अपने धर्म का मजाक ना बनवाओ। यही विनती है। एक अन्य ने लिखा कि तमाम बाबाओं, कथावाचकों, संतों से आशीर्वाद लेने के बाद अगर वह कथा करना शुरू कर रहे हैं, तो इसमें गलत क्या है?


Topics:

---विज्ञापन---