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Lucknow: प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में उर्दू साइनबोर्ड का आदेश देने वाला अधिकारी निलंबित

Lucknow: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने मंगलवार को प्रदेश के संयुक्त निदेशक (स्वास्थ्य) को निलंबित (suspended) कर दिया। उन्होंने करीब सात दिन पहले प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को निर्देश दिया था कि वे यह सुनिश्चित करें, सभी स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों पर साइनबोर्ड/नेमप्लेट उर्दू में भी लिखे गए हैं। इसके बाद प्रदेश […]

Lucknow: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने मंगलवार को प्रदेश के संयुक्त निदेशक (स्वास्थ्य) को निलंबित (suspended) कर दिया। उन्होंने करीब सात दिन पहले प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को निर्देश दिया था कि वे यह सुनिश्चित करें, सभी स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों पर साइनबोर्ड/नेमप्लेट उर्दू में भी लिखे गए हैं। इसके बाद प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है।

सरकार को बिना बताए जारी किया आदेश

स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संयुक्त निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ. तबस्सुम खान को अपने कर्तव्यों में लापरवाही के आरोप में निलंबित किया गया है। आरोप है कि उन्होंने सरकारी आदेश जारी करने की प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। साथ ही अधिकारी ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में उर्दू के साइनबोर्ड और नेमप्लेट लिखे जाने का आदेश भी उनके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किए बिना जारी किया गया था।

उन्नाव के हारून ने की थी इसकी शिकायत

आपको बाते दें कि उन्नाव के रहने वाले मोहम्मद हारून ने इस बारे में शिकायत की थी। हारून ने कहा था कि प्रदेश के कई सरकारी विभागों और सरकारी अस्पतालों से उर्दू में लिखे साइन बोर्ड हटा दिए गए हैं। इसके बाद प्रदेश सरकार के संयुक्त निदेशक की ओर से सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से कहा गया था कि वे सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में उर्दू में भी साइन बोर्ड लगाना सुनिश्चित करें।

'पहले से ही आदेश, अब निर्देश जारी किए गए हैं'

आदेश के जारी होने के साथ वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि यह कोई नया सरकारी आदेश नहीं है। आदेश पहले से मौजूद है। उर्दू राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा है। उन्नाव के रहने वाले नागरिक की शिकायत के बाद निर्देश जारी किए गए हैं। शिकायतकर्ता ने कहा था कि उन्नाव की एक पीएचसी और सरकारी सार्वजनिक कार्यालय में नेमप्लेट से उर्दू भाषा हटा दी गई हैं। इसको लेकर प्रदेश सरकार ने फिर से सभी विभागों के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।  


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