लखनऊः पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के कारण नदियां अपने पूरे उफान पर हैं। उत्तर प्रदेश में बहने वाली नदियां अपना विकराल रूप दिखा रही हैं। प्रदेश के 22 जिले बाढ़ के कारण बुरी तरह से प्रभावित हैं। गंगा, यमुना, चंबल, सरयू समेत लगभग सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ के कारण हजारों हेक्टेयर फसल भी बर्बाद हो चुकी है। लाखों की संख्या में लोग दूसरे स्थानों पर पलायन करके जाने को मजबूर हैं।
गंगा के पानी में डूबे कई इलाके
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद वाराणसी के निचले इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। वहीं मिर्जापुर जिला भी बाढ़ के कारण बड़े स्तर पर प्रभावित है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश और नेपाल से नदियों में पानी छोड़े जाने के बाद उत्तर प्रदेश में हालात गंभीर हो गए हैं। पिछले कई दिनों से गंगा और यमुना समेत प्रदेश की कई नदियां खतरे के निशान को पार कर गई है। साथ ही राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी अपने उफान पर है।
सीएम योगी ने किया हवाई दौरा, बांटी राहत सामग्री
प्रभावित जिलों में आगरा, वाराणसी, मिर्जापुर, प्रयागराज समेत प्रदेश के 22 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ की स्थिति पर प्रदेश सरकार लगातार नजर बनाए हुए है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पिछले दिनों बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी ने गाजीपुर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने राहत शिविरों में जाकर जरूरतमंदों को सामग्री भेंट कीं। साथ ही हर संभव मदद का आश्वासन दिया। जिला प्रशासनों को भी खास निर्देश दिए गए हैं।
नेपास से भी छोड़ा गया है बेतहाशा पानी
रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी के बाराबंकी के कोटवाधाम व गनेशपुर बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद सरयू लाल निशान को पार कर गई। इसके बाद इलाके के निचले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जिले की सभी प्रभावित तहसीलों के अधिकारियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। वहीं नेपाल के शारदा बैराज और गिरजा बैराज से भी मंगलवार को भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। सभी प्रमुख नदियों के उफान पर आने के कारण सहायक नदियां भी पानी से लबालब हैं।