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क्या है परी हत्याकांड? जिसके आरोपियों के घर पर चला बाबा का बुलडोजर

What is Pari Murder Case?: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का परी हत्याकांड मामला इन दिनों काफी चर्चा में है। इस मामले के आरोपियों के अवैध कब्जे पर बने घर पर बाबा का बुलडोजर चला दिया गया है। चलिए जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है? पढ़ें बस्ती से वसीम अहमद की रिपोर्ट...

परी हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई (X)
What is Pari Murder Case?: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में 16 जून को जमीनी विवाद के दौरान कक्षा 12वीं की नाबालिग छात्रा परी श्रीवास्तव की बेरहमी के साथ चाकू से गोद कर हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी थी। पुलिस ने इस मामले के 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो आरोपियों की तलाश जारी है। वहीं, अब इस मामले में बाबा के बुलडोजर ने एंट्री मारी है। दरअसल, प्रशासन ने हत्यारोपियों द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से किए कब्जे पर बने घर पर बुलडोजर चलाया।

आरोपी के घर पर चला बुलडोजर

उत्तर प्रदेश प्रशासन ने हत्या के आरोपी अमरनाथ वर्मा के घर पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया है। इसके साथ ही हरैया के कप्तानगंज के सेठा गांव में भी सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाकर उसे खाली करा दिया है। हत्या के आरोपियों के अवैध कब्जों पर बुलडोजर की कार्रवाई जारी है।

क्या है परी हत्याकांड का मामला?

दरअसल, मामला कुछ ऐसा है कि बस्ती जिले के पैकोलिया थाना क्षेत्र के जीतीपुर गांव में 16 जून को दो पक्षों के बीच जमीन को लेकर विवाद हुआ। देखते ही देखते ये जमीनी विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया। इस दौरान एक पक्ष के लोगों ने दूसरे की कक्षा 12वीं में पढ़ने वाली बेटी परी को चाकुओं से गोदकर बेरहमी से हत्या कर दी। वारदात के आरोपी मौके से फरार हो गए। परिजनों ने थाने में 10 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई। यह भी पढे़ें: पारस अस्पताल गोलीकांड: ADG कुंदन कृष्णन ने न्यूज24 की रिपोर्ट पर लगाई मुहर, शेरू सिंह का नाम आया सामने वहीं, इस मामले को प्राथमिकता देते हुए पुलिस ने भी कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने इस मामले के 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और दो की तलाश जारी है। वहीं, प्रशासन की तरफ से विवादित गड्ढे की जमीन पर बुलडोजर चलाया गया था।

कब्जा मुक्त हुई सरकारी जमीन

एसडीएम उमा कांत तिवारी ने बताया कि जमीन ग्राम सभा की थी। तहसीलदार के न्यायालय की तरफ से जमीन को कब्जा मुक्त करने का आदेश हुआ। नोटिस भी दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी अवैध कब्जों को नहीं हटाया गया, जिसके बाद पुलिस फोर्स के साथ अवैध कब्जों को हटाकर कर ग्राम सभा की जमीन को खाली कराया गया है।


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