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Uttarakhand: क्या है ‘ड्रैगन मिशन’? जिससे राज्य के किसानों को होगा फायदा

उत्तराखंड में किसानों के लिए कई योजनाएं राज्य सरकार चला रही है। इसके अलावा किसानों की इनकम बढ़ाने के साथ-साथ कई सारी योजनाओं की संख्या बढ़ा रहे हैं। इसमें एक ड्रैगन मिशन है, जिससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है।

ड्रैगन मिशन उत्तराखंड के किसानों के लिए एक ऐसा गोल्डन चांस है, जिससे उनकी इनकम के अलावा बागवानी को भी बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार की सब्सिडी, टेक्निकल हेल्प और मार्केट में इसकी बढ़ती मांग के साथ यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में जरूरी भूमिका निभा रहा है और आने वाले समय में निभाएगा। 'ड्रैगन मिशन' उत्तराखंड सरकार की सराहनीय पहल है, जिसका मकसद ड्रैगन फल की खेती को बढ़ावा देना है। इससे किसानों की इनकम बढ़ेगी। यह योजना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में शुरू की गई है।

इसमें ज्यादातर पारंपरिक खेती, बागवानी फसलों पर पूरा फोकस करना है। यह मिशन मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के तहत चलेगी। राज्य में ड्रैगन फ्रूट खेती की योजना अप्रैल 2025 से शुरू होकर 2026, 2027 और 2028 तक रहेगी। यह योजना राज्य के 7 जिलों में लागू होगी। इसमें उधमसिंह नगर, हरिद्वार, नैनीताल, बागेश्वर, पौड़ी, देहरादून, और टिहरी शामिल है। इसके लिए ड्रैगन फ्रूट गार्डन बनाने के लिए प्रति एकड़ 8 लाख रुपये की लागत अनुमानित है। इसमें 80% राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दिया जाएगा, जबकि बाकी 20% किसानों को लेकर चलना होगा।

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पॉलीहाउस का होगा विकास

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उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी से प्रेरणा लेते हुए, हम उत्तराखंड में किसानों के लिए योजनाओं की संख्या बढ़ा रहे हैं। चाहे वह सेब मिशन हो, कीवी मिशन हो या ड्रैगन मिशन हो, इसके साथ ही पॉलीहाउस का विकास भी हो। इसके लिए 1,200 करोड़ रुपये से ज्यादा आवंटित किए हैं। इसके अलावा किसानों को खेती से जुड़े औजार खरीदने के लिए 80% सब्सिडी दे रहे हैं। हमने बिना ब्याज के 3 लाख रुपये का लोन देने की भी व्यवस्था की है। पॉलीहाउस का मतलब चारों तरफ से घिरी एक जगह है। जहां पर किसी भी समय पर किसी भी फसल को सही मौसम के साथ-साथ पोषक तत्व ज्यादा से ज्यादा से मिले। इससे आगे चलकर प्रोडक्शन अच्छा होता है।

योजना का मकसद क्या है?

इस योजना का मकसद ड्रैगन फ्रूट की खेती को मॉडर्न और साइंटिफिक मेथड के जरिए बढ़ावा देना है। इसके लिए कम पानी और सूखी जमीन में भी खेती को बढ़ाना है। इससे बाजार में ड्रैगन फ्रूट की बढ़ती मांग का लाभ उठाकर किसानों की इनकम डबल करना है। क्योंकि इसकी खेती में कम पानी लगता है और किसानों को काफी अच्छा मुनाफा भी देती है। बाजार में इसकी कीमत 150-250 रुपये प्रति किलो तक हो सकती है।

इस फ्रूट की बाजार में मांग बढ़ रही है। उत्तराखंड में डिजिटल कृषि मिशन के तहत किसानों को अच्छे सीड्स, टेक्निकल जानकारी और बाजार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार इसके लिए किसानों लोकल बाजार, सोशल मीडिया और अन्य जरियों से ड्रैगन फ्रूट के फायदों के साथ-साथ इसके बारे में जागरूकता करने का काम कर रही है।

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