Joshimath Sinking: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में मकानों, इमारतों और सड़कों में ददारों के बाद अब एक नई समस्या सामने आ गई है। अब यहां बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (Badrinath Highway) पर दरारें दिखाई देती हैं। इसके बाद प्रशासन ने जांच के लिए टीमों को रवाना किया है।
प्रशासन ने मौके पर भेजी, पेश हुई जांच रिपोर्ट
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि बद्रीनाथ हाईवे पर आई दरारों (Joshimath Sinking) के निरीक्षण के लिए भेजी गई सीबीआरआई टीम ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। टीम का कहना है कि दरारें सड़क के स्थानीय रखरखाव के कारण आई हैं। उन्हें ठीक किया जा रहा है।
जोशीमठ के लिए मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार और बुधवार को भारी बारिश या बर्फबारी की भविष्यवाणी की है। डीएम ने कहा है कि 24 और 25 जनवरी को बारिश और बर्फबारी के मद्देनजर जोशीमठ के राहत शिविरों में कंबल, हीटर और जनरेटर आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
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सीएम के विशेष प्रतिनिधि पहुंचे निरीक्षण करने
उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष प्रतिनिधि जोशीमठ में बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के साथ राहत एवं पुनर्वास कार्य की निगरानी की। उन्होंने जोशीमठ में अधिकारियों को प्रभावित लोगों को हर प्रकार की सहायता देने के निर्देश दिए।
अब तक इतने मकानों में आई दरारें
उत्तराखंड के अधिकारियों के अनुसार जोशीमठ में 849 घरों में भूमि धंसने के बाद दरारें आ गई हैं। इनमें से हजारों को खाली कर दिया गया है। खराब मौसम के कारण जोशीमठ में असुरक्षित होटलों और घरों को तोड़ने पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है।