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मुरी खाई, चट्टान का पानी चाटा, तब जिंदा बचे, सुरंग में फंसे मजदूर ने बताया कैसे बीते 17 दिन?

Uttarkashi Tunnel Rescue Workers Share 17-Day Struggle Story: 22 साल के अनिल बेदिया ने बताया कि 'हम लोग सुरंग में काम कर रहें थे... तभी अचानक आवाज हुई और अंधेरा हो गया। हम सभी ने सोचा कि हम सुरंग के अंदर दफन हो जाएंगे।'

Uttarkashi Tunnel Rescue Workers Share 17-Day Struggle Story: 'हम सभी ने सोचा कि हम सुरंग के अंदर दफन हो जाएंगे... क्या बताए सुरंग में कैसे एक-एक दिन बीताए है, मुरी (मुरमुरा) खाकर भूख मिटाई' ये कहना है कि उत्तरकाशी के सुरंग से बाहर मजदूर अनिल बेदिया का। 17 दिनों के लंबे संघर्षों के बाद उत्तराखंड के उत्तरकाशी सुरंग 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। हर तरफ से सुरंग में फंसे इन 41 मजदूरों के रेस्क्यू की चर्चा हो रही हैं। सुरंग से बचाए गए मजदूरों का अस्पताल में इलाज चल रहा हैं। हाल ही में सुरंग में फंसे मजदूरों द्वारा 17 दिनों तक किए गए संघर्ष की कहानी सामने आई है।

कैसे बीते 17 दिन

सुरंग से बाहर आए अनिल बेदिया ने 17 दिनों तक चली भूख, प्यास और जिंदगी जीने के जंग की आपबीती सुनाई है। समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए 22 साल के अनिल बेदिया ने बताया कि 'हम लोग सुरंग में काम कर रहें थे... तभी अचानक आवाज हुई और अंधेरा हो गया। हम सभी ने सोचा कि हम सुरंग के अंदर दफन हो जाएंगे और पहले कुछ दिनों में हमने सारी उम्मीद खो दी थी। ये सब एक बुरे सपने जैसा था... हमने चट्टानों से टपकते पानी को चाटकर अपनी प्यास बुझाई और पहले 10 दिनों तक सिर्फ मुरी खाकर जिंदा रहे।' लेटेस्ट खबरों के लिए फॉलो करें News24 का WhatsApp Channel यह भी पढ़ें: Uttarkashi Tunnel Accident : बाबा बौखनाग की नाराजगी से हुआ था उत्तरकाशी हादसा, रेस्क्यू में ऐसे मिली सफलता

काम की तलाश में आए थे उत्तरकाशी 

उत्तराखंड के अस्पताल में अनिल बेदिया का इलाज चल रहा है। अनिल बेदिया रांची के बाहरी इलाके खिराबेड़ा गांव का रहने वाला है, जहां से कुल 13 लोग काम की तलाश में 1 नवंबर को उत्तरकाशी गए थे। उन्हें नहीं पता था कि किस्मत ने उनके लिए क्या लिखा है। जब आपदा आई तो खिराबेड़ा के 13 लोगों में से केवल 3 ही सुरंग के अंदर थे।


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