Uttarkashi Tunnel Rescue Latest Updates: उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी में स्थित सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास जारी है। हर दिन इस उम्मीद से सुबह हो रही है कि पिछले 13 दिनों से सुंरग में फंसे मजदूरों को आज सकुशल निकाल लिया जाएगा। उन्हें निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। मजदूरों के भोजन की भी व्यवस्था की गई है। इस बीच कुछ ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिसमें आप देख सकते हैं कि मजदूरों को निकालने के लिए क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
सिल्कयारा सुरंग में जिंदगी और मौत के बीच फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की 19 एजेंसियां लगी हुई हैं। उत्तरकाशी सुरंग के मलबे में ड्रिल करके एक पाइप लाइन डाला जा रहा है, जिसके सहारे मजदूरों को बाहर निकालने की तैयारी चल रही है, लेकिन ऑगर ड्रिलिंग मशीन में गुरुवार को कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी। इसकी वजह से ड्रिलिंग कार्य या रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था। रातभर ऑगर ड्रिलिंग मशीन की रिपेयरिंग की गई है। बताया जा रहा है कि एक बार फिर रेस्क्यू अभियान के तहत ड्रिलिंग का कार्य शुरू हो गया है और शाम तक मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है।
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केंद्रीय मंत्री सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे
एनडीआरएफ ने श्रमिकों को बचाने के लिए पाइपलाइनों के माध्यम से व्हीलड स्ट्रेचर ले जाने का डेमो दिखाया। इस डेमो का एक वीडियो भी सामने आया है. वहीं, केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे, जहां उन्होंने फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे बचाव अभियान का निरीक्षण किया है।
जानें अबतक कैसे जिंदा हैं मजदूर
अब लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि पिछले 13 दिनों से सुरंग में फंसे श्रमिक कैसे जिंदा हैं तो आपको बता दें कि बचाव कार्य में लगी टीमों ने मजदूरों तक भोजन पहुंचाने के लिए विशेष व्यवस्था की है। इसके लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, जिन्होंने शुक्रवार को 41 मजदूरों को ब्रेकफास्ट में दूध, ब्रेड और चने पहुंचाए हैं, जबकि गुरुवार को ब्रेकफास्ट में उपमा और दोपहर के खाने में दाल-चावल दिए थे. आप श्रमिकों के लिए खाना पैक करते हुए वीडियो भी देख सकते हैं।
जानें क्या बोले पीएमओ के पूर्व सलाहकार?
पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर कहा कि वर्तमान में हालात काफी हद तक ठीक है। हमें गुरुवार की रात दो चीजों पर कार्य करना था। पहला मशीन के प्लेटफॉर्म का पुनर्गठन और दूसरा पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का कार्य चल रहा है। ये दोनों कार्य संपन्न हो जाने के बाद हम ऑगर ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू करेंगे। पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है, उससे पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई धातु अवरोध नहीं है. अर्थात् हमारी ड्रिलिंग सुचारू होनी चाहिए।