Uttarakhand Tunnel Collapse Latest News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पिछले 9 दिन से सिल्क्यारा सुरंग में 41 मजदूर जिंदगी-मौत की जंग लड़ रहे हैं। सोमवार को एक राहत की खबर सामने आई। मजदूरों तक छह इंच का पाइप पहुंच गया है, जिसके जरिए उन्हें पौष्टिक भोजन और दवाएं पहुंचाई जा सकती हैं। ये मजदूर भूस्खलन के बाद एक हफ्ते से ज्यादा समय से फंसे हुए हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) के निदेशक अंशु मनीष खुल्को ने कहा कि 'वैकल्पिक 6 इंच की जीवन रेखा' 53 मीटर की ड्रिलिंग के बाद मजदूरों तक पहुंची। उन्होंने कहा कि इस सफलता की जानकारी मिलने के बाद फंसे हुए मजदूरों में खुशी का माहौल है।
अंशु मनीष खुल्को ने आगे बताया कि 6 इंच का पाइप 53 मीटर लंबा है। यह हमारे लिए एक बड़ी सफलता है। वैकल्पिक जीवन रेखा होने के अलावा यह हमें ऑक्सीजन और भोजन दोनों पहुंचाने की सुविधा दे सकेगी। निर्माणाधीन सुरंग में छह इंच की पाइप पहुंचने के बाद फंसे मजदूरों से बातचीत के बारे में उन्होंने कहा- फंसे हुए मजदूरों में से एक दीपक कुमार के एक रिश्तेदार ने उनसे बात की। उन्होंने बताया कि वहां माहौल खराब है।
12 नवंबर को पता चला था कि निर्माणाधीन सुरंग में 60 मीटर की दूरी पर मलबा गिरने के कारण सुरंग ढह गई थी, जिसमें 41 मजदूर फंस गए। एनएचआईडीसीएल के निदेशक ने कहा कि बचाव दल अब मजदूरों को निकालने के लिए पूरी ताकत से जाएंगे।
खुल्को ने कहा, "पहले संदेह था कि अगर पहली जीवन रेखा बंद हो गई तो क्या होगा। लेकिन अब जब हमने एक वैकल्पिक जीवन रेखा स्थापित कर ली है, तो अब हम पूरी ताकत से आगे बढ़ेंगे।" इस बीच, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की दो रोबोटिक्स मशीनें साइट पर पहुंच गई हैं। इनमें से एक का वजन 20 किलोग्राम और दूसरी का 50 किलोग्राम है।
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