Lucknow Building Collapse: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के वजीर हसनगंज (Wazir Hasanganj) में इमारत गिरने के बाद मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम जारी है। अभी तक कुल 14 लोगों को निकाला गया है। बताया गया है कि पांच मंजिला इमारत में करीब 50 लोग थे, जो मलबे में दब गए। वहीं प्रत्यक्षदर्शियों की कहानी सुन रौंगटे खड़े हो गए।
सीएम के आदेश के बाद बनी जांच समिति
घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर आयुक्त रोशन जैकब, संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्दिया और मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी समेत तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया। कमेटी इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। यह जानकारी सीएम ऑफिस से दी गई है।
डीजीपी बोले- घटिया स्तर का था भवन निर्माण
वहीं डीजीपी डीएस चौहान ने बताया कि भवन का निर्माण घटिया स्तर का है। प्रारंभिक जांच में यही कारण सामने आया है। ऊपर के 2 फ्लोर के लिए भी अनुमति नहीं ली गई थी। राहत और बचाव कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मौके पर जुटी हुई हैं।
मुकदमा दर्ज करने की तैयारी
डीजीपी ने बताया कि मलबे में से 85 वर्षीय शख्स की मौत हो गई है। गंभीर रूप से कुचल जाने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था। मलबे में अभी महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के फंसे होने की आशंका है। हम उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। घटना को लेकर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। डीजीपी ने बताया कि पहली प्राथमिकता राहत-बचाव कार्य की है।
अपने हाथों से ईंटें हटाने लगे लोग
वहीं घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अचानक पांच मंजिला इमारत मलबे का ढेर बन गई। पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। कोई पुलिस को फोन करने लगा तो कोई लोगों को इकट्ठा करने लगा। कुछ लोग तो अपने हाथों से ईंटों को हटाने लगे, लेकिन ये प्रयास नाकाफी था। लोगों ने बताया कि मलबे में से आवाजें आ रही थीं। कह रहे थे, हम जिंदा हैं।