Ghaziabad News: गाजियाबाद स्थित साहिबाबाद बस अड्डे का निर्माण पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर किया जा रहा है. जिसके पूरा होने के बाद इसे अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) के रूप में विकसित किया जाएगा. अधिकारियों के अनुसार, यहां से उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान जैसे राज्यों के लिए भी बस सेवाएं उपलब्ध होंगी. विशेष बात यह है कि नेपाल के लिए बसों का संचालन भी यहीं से किया जाएगा. जबकि वर्तमान में नेपाल सहित कई राज्यों के लिए बसें दिल्ली के विभिन्न बस अड्डों से चलती हैं. दावा है कि यह यूपी का पहला ऐसा अंतरराज्यीय बस अड्डा होगा, जहां से सीधे दूसरे राज्यों के लिए संचालन होगा.
अत्याधुनिक सुविधाओं से होगा लैस
फिलहाल यूपीएसRTC देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश और कोटद्वार के लिए बसों का संचालन दिल्ली के कश्मीरी गेट से करता है. वहीं हल्द्वानी, टनकपुर और रामनगर के लिए बसें आनंद विहार से चलाई जाती हैं. नेपाल के महेंद्रगढ़ व रुपड़िया के लिए भी संचालन आनंद विहार से होता है. अधिकारियों का कहना है कि यूपी में अभी तक कोई भी आईएसबीटी नहीं है. इसलिए साहिबाबाद बस अड्डा बनने के बाद विभिन्न राज्यों के लिए बसें यहीं से चलाई जाएंगी. अनुमान है कि लगभग दो वर्षों में यह बस अड्डा पूरी तरह तैयार हो जाएगा और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा.
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किए जाएंगे 161 करोड़ रुपये खर्च
साहिबाबाद बस अड्डे के विकास पर 161 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं और यहां यात्रियों को हवाई अड्डे जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है. इसे विकसित करने के लिए यूपीएसRTC ने मैसर्स आनंद हैबिटेट नामक कंपनी के साथ समझौता किया है. जिसके बाद कंपनी ने साहिबाबाद डिपो की वर्कशॉप में अपना कार्यालय भी स्थापित कर लिया है और जल्द निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है. इसी तरह गाजियाबाद बस अड्डे का निर्माण भी पीपीपी मोड पर 61 करोड़ की लागत से ओमेक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है. वहीं कौशांबी बस अड्डे की परियोजना 266 करोड़ की है, लेकिन संचालन स्थल न मिल पाने के कारण यह कार्य फिलहाल रुका हुआ है.
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