UP News: उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की ओर से विधान परिषद के लिए राजभवन भेजे गए नामों पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मुहर लगा दी है। इन नामों में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति तारिक मंसूर का नाम भी शामिल है। बताया गया है कि नामित एमएलसी की ये सीटें पिछले साल अप्रैल-मई माह से खाली थीं।
ये सदस्य हुए नामित
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने साकेत मिश्रा, रामसूरत राजभर, तारिक मंसूर (एएमयू वाइस चांसलर), हंसराज विश्वकर्मा (वाराणसी भाजपा प्रमुख), लालजी प्रसाद निर्मल (अंबेडकर महासभा अध्यक्ष) और रजनीकांत माहेश्वरी को विधान परिषद सदस्य के रूप में नामित किया है।
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हर वर्ग को साधने की कोशिश
विधान परिषद के लिए नामित एमएलसी की सूची के जरिए भाजपा ने कार्यकर्ताओं के साथ अपने अजेंडा को भी साधने की कोशिश की है। राजभवन भेजी गई लिस्ट में पार्टी ने अपने पुराने साथियों पर भरोसा किया है, तो जातीय समीकरण को भी साधा है। छह एमएलसी के नामों में दो ओबीसी, एक दलित और एक पसमांदा मुसलमान को शामिल किया है। एक वैश्य और एक ब्राह्मण को अपने साथ लेकर परंपरागत वोटरों का भी भरोसा बनाए रखा है।
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विधान परिषद जाने वाले सदस्यों के बारे में जानें
डॉ. तारिक मंसूर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। बताया जाता है कि डॉ. तारिक भाजपा के करीबी रहे हैं।
रजनीकांत माहेश्वरी वैश्य समुदाय से आते हैं। कासगंज के रहने वाले माहेश्वरी भाजपा के बृज क्षेत्र के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं।
महेश श्रीवास्तव काशी क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। उनका नाम एमएलसी की सूची में सबसे आगे बताया जा रहा था।
हंसराज विश्वकर्मा वाराणसी के जिलाध्यक्ष हैं। उन्होंने 1989 में बूथ कार्यकर्ता के तौर पर राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। पूर्व सीएम कल्याण सिंह के करीबी रहे और लंबे समय तक राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे।
डॉ. लालजी निर्मल दलित वर्ग से आने वाले अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष हैं। वे मूल रूप से मीरजापुर के रहने वाले हैं। उन्होंने सीएम योगी को दलित मित्र की उपाधि से सम्मानित किया था।
रामसूरत राजभर आजमगढ़ के अधिवक्ता हैं। पिछड़ा वर्ग से आने वाले रामसूरत राजभर पुराने भाजपा नेता हैं। वह फूलपुर पवई से विधानसभा चुनाव लड़े थे।