उत्तर प्रदेश की मेरठ जेल में बंद सौरभ राजपूत मर्डर मामले में आरोपी साहिल और मुस्कान की एक और कहानी सामने आई है। दोनों ने जेल प्रबंधन के सामने एक ही बैरक में रहने की इच्छा जाहिर की थी। इसे अस्वीकार कर दिया गया है। दोनों को अलग-अलग स्थायी बैरक अलॉट कर दी गई हैं। जेल प्रबंधन ने दोनों से पूछा कि तुम लोग क्या काम करना चाहते हो? इस पर दोनों ने अपनी इच्छाएं जाहिर कीं। सूत्रों के मुताबिक जेल प्रबंधन के समक्ष साहिल ने सब्जी उगाने और मुस्कान ने सिलाई करने की इच्छा जाहिर की। मुस्कान ने जेल अधिकारियों को बताया कि वह कपड़े सीखने की ट्रेनिंग लेना चाहती है। जेल प्रशासन ने दोनों की डिमांड स्वीकार कर ली है। मुस्कान को अब दूसरी महिला कैदियों के साथ मिलकर कपड़े सिलने और मरम्मत करने का काम दिया जाएगा।
10 दिन तक हुई विशेष निगरानी
साहिल को जेल प्रशासन ने सब्जी उगाने की अनुमति परिसर में दे दी है। वह पहले से जेल में उगी सब्जियों की देखभाल करेगा। जेल प्रबंधन के अनुसार 1 अप्रैल से जेल में नया कामकाज शुरू होगा। जेल नियमों के अनुसार जब भी कोई नया कैदी आता है तो 10 दिन तक उसकी विशेष निगरानी की जाती है। इसे मुलाहिजा अवधि कहा जाता है। इसके बाद कैदी को स्थायी तौर पर बैरक अलॉट की जाती है। इसी प्रक्रिया के तहत दोनों को अलग-अलग बैरकों में भेजा गया है। जेल प्रबंधन के अनुसार महिला और पुरुष कैदियों को एक साथ नहीं रखा जाता। इसलिए प्रबंधन ने दोनों की साथ रहने की अनुमति को ठुकरा दिया है।