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पहले पिता के साथ धोखा, फिर पड़ोसी को बनाया शिकार…आधार कार्ड से कैसे हुआ बड़े गैंग का खुलासा?

Sambhal News: संभल पुलिस ने अवैध रूप से आधार कार्ड को अपडेट कराने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। दावा है कि पकड़े गए आरोपी शातिर तरीके से लोगों के आधार कार्ड को अपडेट करके उसका गलत उपयोग करते थे।

sambhal police and accused
शाहनवाज चौधरी, संभल  Sambhal News: संभल पुलिस ने आधार कार्ड का डेटा बदलकर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी आर्टिफिशयल अंगूठा वेरिफाई स्कैनिंग मशीन में लगाते और UIDIA (UNIC IDENTIFICATION DEPARTMENT OF INDIA) के डेटाबेस में बदलाव कर देते थे। इतना ही नहीं ये शातिर अपराधी UIDIA की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसिस को मोडिफाई कर फर्जी दस्तावेज भी तैयार कर देते थे। एसपी कृष्ण विश्नोई और एएसपी अनुकृति शर्मा की अगुवाई में पुलिस ने इस गैंग का पर्दाफाश किया है। बताया जा रहा है कि एक आधार कार्ड से आरोपियों के बारे में पता चला। जिसके बाद आरोपियों को दबोच लिया गया। राष्ट्रीय डाटा बेस में लगा रहे थे सेंध एएसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि पुलिस को दी शिकायत में चंद्रसेन ने बताया कि आरोपी विनोद उसके पड़ोस में रहता है। विनोद ने उसके बीमार पुत्र के नाम पर धोखाधड़ी से ट्रैक्टर खरीदा और बेच दिया। जांच में पता चला कि विनोद ने अपने पिता की उम्र आधार में 21 साल कम करवाकर एक पॉलिसी का भी लाभ लिया था। पुलिस  विनोद को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो इस गैंग का खुलासा हो पाया। पुलिस ने इसके बाद गैंग के आशीष, धर्मेंद्र, रौनक और कासिम को गिरफ्तार किया है। ये लोग तीन हजार रुपए लेकर घर जाकर आधार अपडेट का काम करते थे। फर्जी पासपोर्ट बनाने का काम किया था शुरू  एएसपी ने बताया कि दिसंबर 2024 के बाद फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से उम्र में बदलाव नहीं कर पाने पर फर्जी पासपोर्ट बनाकर जन्मतिथि बदलना शुरू किया।  विनोद के मोबाइल फोन में पंचम सिंह के नाम के दो आधार कार्ड मिले। एक आधार में पंचम सिंह की जन्म तिथि एक जनवरी 1955 थी और दूसरे पर एक जुलाई 1976 अंकित थी। पुलिस ने जब जांच की तो यह पाया गया कि आसपास के जनपद में एक ऐसा गैंग सक्रिय है जो आधार में मनचाहा परिवर्तन कर राष्ट्रीय डाटा बेस में सेंध लगा रहा था। ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा पकड़े गए आशीष, रौनक और कासिम ने फिंगर प्रिन्ट लेने वाली थंब वेरिफाई मशीन को मोडिफाई किया। इन्होंने UIDIA जैसा दिखने वाला पोर्टल बनाया। जिस पर ये ग्राहकों की डिटेल मय फिंगर प्रिन्ट फिल करते थे और आधार में अपडेट कर देते थे। इस पोर्टल पर डेटा फिल का काम ऑर्थोराइसड रिटेलर्स से कराया जाता था। ऑपरेटर को प्रलोभन देकर या धोखाधड़ी से उसकी आईडी एक्सेस कराई जाती थी। एएसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि गैंग के सदस्यों ने पिछले करीब 1 वर्ष में 400 से अधिक लोगों का आधार अपडेशन फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से किया। 1500 से अधिक आधार कार्ड के मोबाइल नम्बर में भी अपडेशन किया। 20 फर्जी पासपोर्ट बनाकर आधार अपडेशन के लिए अपलोड किए गए। आरोपी आशिष के अंडर 200-300 रीटेलर कार्य करते हैं, जो जगह - जगह जाकर जन्मतिथि, मोबाइल नम्बर और एड्रेस में परिवर्तन करते थे। 10 स्टेट के फर्जी प्रमाण पत्र भी मिले पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 6 लैपटॉप, 4 मोबाइल, 10 स्टेट के फर्जी प्रमाण पत्र बरामद किए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश-14, पंजाब 4, वेस्ट बंगाल 1, तमीलनाडू 1, झारखंड 1, हरियाणा 1, दिल्ली 1, बिहार 9,आन्ध्र प्रदेश 3,मध्य प्रदेश 2, महाराष्ट्र 3,जम्मू & कश्मीर 1, राजस्थान के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मिले हैं। इसके अलावा पैन कार्ड प्रपत्र -36, फिंगर अपडेट आवेदन प्रपत्र -27, आधार परिवर्तन के लिए इनरोलमेन्ट फार्म 400 से अधिक, पासपोर्ट इमेज -8 और सफेद कागज पर अंगुलियों व अगुठा का निशान भी बरामद किए हैं। एक्सपर्ट्स हैं आरोपी एएसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि सभी आरोपी ऑनलाइन के मास्टर हैं, प्रोग्रामिंग और कोडिंग में इन लोगों को महारत हासिल है। एएसपी ने बताया कि आरोपियों के गैंग के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा रहा है। जल्द ही इस गैंग अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।    


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