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17 हजार फ्लैट खरीदार 16 साल से कर रहे घर का इंतजार, बिल्डर पर बोला हल्ला

Noida News: फ्लैट खरीदारों का आरोप है सितंबर 2024 में भी सुरक्षा ने निर्माण कार्य शुरू नहीं किया। वादा किया गया था कि आठ महीने में एक-एक टावर का निर्माण करके पजेशन दिया जाएगा। अप्रैल-2025 आ गया अब तक निर्माण शुरू नहीं किया गया।

buyers protest against jp builder
Noida News: नोएडा में जेपी बिल्डर के खिलाफ 17 हजार फ्लैट खरीदारों ने हल्ला बोला है। शनिवार को फ्लैट खरीदारों ने सेक्टर-128 जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के ऑफिस का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया। खरीदारों ने बिल्डर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 16 साल से अपने आशियाने का इंतजार कर रहे है, लेकिन आज तक उन्हें अपना घर नहीं मिला है। पूरा पैसा लेने के बाद दिया धोखा दरअसल जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने यहां 150 आवासीय टावर बनाने की योजना बनाई। जिसमें 2010 में 17 हजार से ज्यादा बायर्स ने बुकिंग कराई। 2013-14 से उनको पजेशन मिलना था। खरीदारों ने कहा कि लोन की ईएमआई तक पूरी हो चुकी है। जेपी को फ्लैट का पूरा पैसा तक दिया जा चुका है। लेकिन अब तक हमे फ्लैट नहीं मिले। दिवालिया प्रक्रिया में जाने के बाद एनसीएलटी ने सुरक्षा को टावरों का कंस्ट्रक्शन करने की जिम्मेदारी दी। मई 2024 में योजना हैंडओवर होने के बाद तीन से चार महीने में निर्माण शुरू करने का वायदा किया गया वर्तमान में, चार परियोजनाओं - कोसमोस, क्लासिक, केंसिंग्टन बुलेवार्ड और केंसिंग्टन पार्क अपार्टमेंट और हाइट्स में काम चल रहा है, जिसमें 62 टावर शामिल हैं और 6,067 घर खरीदार शामिल हैं। हालांकि, कॉसमॉस और केंसिंग्टन बुले वार्ड में 15 टावरों पर काम अभी शुरू होना बाकी है। लगातार हो रही अनदेखी खरीदारों का आरोप है सितंबर 2024 में भी सुरक्षा ने निर्माण कार्य शुरू नहीं किया। वादा किया गया था कि आठ महीने में एक-एक टावर का निर्माण करके पजेशन दिया जाएगा। अप्रैल-2025 आ गया अब तक निर्माण शुरू नहीं किया गया। ऐसे में कहा तक इंतजार किया जाए। घर खरीदार लगातार अनदेखी का शिकार हो रहे हैं, और कंपनी केवल अपने हितों को प्राथमिकता दे रही है। 12 हजार की बजाए 2 हजार मजदूर खरीदारों का आरोप है कि जहां 12,000 मजदूरों की आवश्यकता थी, वहां मात्र 2,000 मजदूर तैनात हैं। जिससे काम लगभग ठप पड़ा है। समाधान योजना के अनुसार निर्धारित 3,000 करोड़ रुपए की फंडिंग अब तक नहीं जुटाई जा सकी है। कंपनी द्वारा पारदर्शिता का पूरी तरह अभाव रहा है न तो कोई मोबाइल ऐप विकसित किया गया है, न ही नियमित अपडेट्स या खरीदारों से संवाद की कोई व्यवस्था है।


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