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एयरपोर्ट के पास रहेंगे हिरण, सारस, नील गाय, चिंकारा, बंदर और जंगली बिल्ली, यीडा ने की तैयारी

Yamuna Authority: नोएडा इंटरनेशन एयरपोर्ट से प्रभावित वन्य जीवों को बसाने के लिए यमुना अथॉरिटी ने तैयारी शुरू कर दी है। अथॉरिटी एयरपोर्ट के आसपास मौजूद वन्य जीवों के लिए बचाव एवं पुनर्वास केंद्र का निर्माण का करेगा। इसके लिए अथॉरिटी ने टेंडर जारी किया है।

Noida airport and wild animals
Yamuna Authority: नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित जीवों के लिए बचाव एवं पुनर्वास केंद्र बनाया जाएगा। इसे लेकर यमुना अथॉरिटी ने टेंडर जारी किया है। बताया जा रहा है कि 23 अप्रैल को टेंडर खोले जाएंगे। इसके बाद एजेंसी का चयन किया जाएगा। अथॉरिटी के मुताबिक बचाव एवं पुनर्वास केंद्र के निर्माण पर 341.93 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। यीडा सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि एयरपोर्ट से प्रभावित वन्य जीवों के लिए कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में जीवों के बचाव एवं पुनर्वास केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया है। सर्वे के दौरान मिली थी मौजूदगी बताया जा रहा है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण से पहले भारतीय वन्य जीव संस्थान से सर्वे कराया गया था। एयरपोर्ट से प्रभावित क्षेत्र के 10 से 25 किमी के दायरे में हुए सर्वे में कई वन्य जीवों की इलाके में मौजूदगी पाई गई थी। इसमें 258 काले हिरण, 29 हिरण, सारस, नील गाय, चिंकारा, बंदर, जंगली बिल्ली आदि शामिल हैं। संस्थान ने इनके संरक्षण एवं पुनर्वास के लिए दीर्घकालिक योजना बनाने का सुझाव दिया था। 30 साल तक होगा संचालित सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि संस्थान के सुझाव पर धनौरी वैटलैंड के नजदीक 10 हेक्टेयर में बचाव एवं पुनर्वास केंद्र विकसित करने की योजना तैयार की गई है। इसमें 5 हेक्टेयर जमीन यमुना प्राधिकरण व पांच हे. वन विभाग की है। पुनर्वास केंद्र 30 साल तक संचालित होगा। केंद्रीय चिड़ियाघर अथॉरिटी से अनुमति के बाद बचाव एवं पुनर्वास केंद्र के लिए यीडा ने एजेंसी के चयन के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। कंपनियों को 21 अप्रैल तक निविदा अपलोड करनी होगी। 23 अप्रैल को निविदा खोली जाएगी। कंपनी के चयन के बाद शुरू होगा काम  सीईओ का कहना है कि बचाव एवं पुनर्वास केंद्र के लिए कंपनी का चयन किया जा रहा है। एजेंसी चयन होने ही पुनर्वास केंद्र के विकास कार्य शुरू हो जाएगा। इसके निर्माण पर 341.93 लाख रुपये लागत आने का अनुमान है। पुनर्वास केंद्र में काले हिरण, बंदर, नील गाय आदि के लिए क्वारंटीन केंद्र, पशु अस्पताल आदि की सुविधा होगी।


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