DIG Vaibhav Krishan Statements Viral: प्रयागराज महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर मची भगदड़ मामले में DIG वैभव कृष्ण की खूब चर्चा हो रही है। वैभव उन 5 पुलिस अधिकारियों की टीम की हिस्सा है, जिन पर महाकुंभ मेले की तैयारियों, इंतजामों और सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। इनके अलावा ADG भानु भास्कर, SSP राजेश द्विवेदी, मेला अधिकारी विजय किरण आनंद, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत पर भी महाकुंभ की जिम्मेदारी भी थी, लेकिन DIG वैभव के बयानों की चर्चा हुई, क्योंकि हादसे पर सिर्फ उनके और महाकुंभ के लिए तैनात विशेष कार्यकारी अधिकारी आकांक्षा राणा ने ही बयान दिए थे। दोनों ही फील्ड में थे और दोनों ही भगदड़ के बाद हालातों को संभालने में लगे थे, लेकिन DIG अपने बदलते बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे। आइए जानते हैं क्यों?
सुबह कुछ कहा और रात को कुछ हो गए बयान
बता दें कि 28 जनवरी दिन मंगलवार को देररात करीब 2 बजे त्रिवेणी संगम पर भगदड़ मची। करीब 90 लोग एक दूसरे के नीचे दब गए। धक्का मुक्की और अफरातफरी में कुचले गए। बचाव अभियान चल रहा था और एंबुलेंस में घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा था। इस बीच DIG वैभव कृष्ण का बयान आया कि स्थिति नियंत्रण में है और अखाड़ों का अमृत स्नान शुरू होने वाला है। सब कुछ पारंपरिक रूप से किया जाएगा। पुलिस और प्रशासन सभी अखाड़ों को उनके पारंपरिक जुलूसों में मदद करेगा। आज सुबह की घटना के कारणों पर गौर करें तो यह करोड़ों भक्तों के आने की उम्मीद के कारण हुआ।
इस बीच उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे मंगलवार शाम 7 बजे के करीब कंट्रोल रूम से श्रद्धालुओं को मौनी अमावस्या की बधाई और निर्देश देते नजर आए। इसके बाद शाम को उनके बयान बिल्कुल बदल गए। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया को बताया कि बैरिकेड्स टूट गए थे, जिससे श्रद्धालु उन्हें क्रॉस करके संगम तक जाने लगे। इससे नीचे सोए हुए श्रद्धालु कुचले गए। 90 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उनमें से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। 25 मृतकों की शिनाख्त हो चुकी है और बाकी खतरे से बाहर हैं।
30 मौतों का सच कबूलने में लग गया पूरा दिन
बता दें कि 144 साल बाद बने संयोग में महाकुंभ लगा हुआ है। 14 जनवरी 2025 मकर संक्रांति से शुरू हुए महाकुंभ में देश-दुनिया के श्रद्धालु स्नान करने उमड़ रहे हैं। 29 जनवरी दिन बुधवार को मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान करने लोग उमड़े। स्नान से पहले देररात त्रिवेणी घाट पर बने संगम नोज पर भगदड़ मच गई। हादसे में 30 लोगों की मौत हुई है। हादसे के बाद काफी खौफनाक और दिल दहलाने वाला मंजर देखने को मिला, जो पूरे देश ने दिखा। अपनों को खोने वाले लोगों की चीख पुकार सुनकर देशवासियों का दिल दहल गया, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन के अधिकारी असंवेदनशील बने रहे।
उन्होंने पूरा दिन यह कबूल नहीं किया कि हां हादसे में लोग मारे गए हैं। वे दिनभर मीडिया में यही बयान देते रहे कि स्थिति कंट्रोल में है। ज्यादा कुछ गंभीर नहीं हुआ है। भगदड़ में लोग घायल हुए हैं, जिनका उपचार अस्पताल में चल रहा है। दिन खत्म होने के बाद DIG वैभव ने कबूल किया 30 लोगों की मौत हुई है। मुख्यमंत्री योगी ने भी स्वीकार किया कि 30 लोग मारे गए हैं, लेकिन सच स्वीकार करने से पहले 13 अखाड़ों का स्नान पुलिस-प्रशासन करा चुका था। रात 8 बजे तक 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई, लेकिन 30 मृतकों के परिजनों और 60 घायलों के दर्द के साथ लोगों ने मौनी अमावस्या पर भगवान में अपनी अटूट आस्था का परिचय दिया।