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गैंगरेप केस में नाबालिग को उम्रकैद! फिरोजाबाद में 20 साल के युवक पर क्यों चला एडल्ट की तरह मुकदमा?

Firozabad Gangrape Case Verdict: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में कोर्ट ने गैंगरेप केस में नाबालिग युवक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वारदात साल 2021 में अंजाम दी गई थी और साढ़े 4 साल बाद अब केस में सजा सुनाई गई है। आइए जानते हैं कि आखिरी मामला क्या है?

सांकेतिक तस्वीर।
Life Imprisonment to Minor Accused: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में गैंगरेप केस में अहम फैसला आया है। जिला अदालत ने 20 साल के नाबालिग लड़के को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उसके खिलाफ एडल्ट की तरह केस चलाया गया और गवाहों के बयानों के आधार पर उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। विशेष लोक अभियोजक संजीव कुमार शर्मा ने मामले की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि युवक के खिलाफ 9 लोगों ने गवाही दी। फोरेंसिक और मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की गई। गवाहों के बयानों और रिपोर्ट के आधार पर विशेष न्यायाधीश मुमताज अली ने युवक को IPC की धारा 376DA (16 साल से कम उम्र की महिलाओं के साथ गैंगरेप) और पोक्सो एक्ट की धारा 5KM/6 के तहत दोषी करार दिया। दोनों धाराओं के तहत उसे उम्रकैद की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया, जो पीड़िता को दिया जाएगा।

15 मार्च 2021 को हुई वारदात

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, किशोर न्याय बोर्ड ने केस को स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर किया था। साल 2021 का मामला है। उस समय दोषी युवक 17 साल का था और पीड़िता 10 साल की बच्ची थी। किशोर न्याय बोर्ड ने ही फैसला लिया था कि युवक को एडल्ट मानकर उसके खिलाफ एडल्ट की तरह केस चलाया जाए, क्योंकि जब उसने अपराध किया, उस समय वह किए गए अपराध के परिणामों को समझ सकता था। उसमें उम्र के हिसाब से मानसिक और शारीरिक क्षमता थी। इसलिए उसके केस को स्पेशल कोर्ट ट्रांसफर किया गया। 15 मार्च 2021 को पीड़िता खेलते-खेलते युवक के घर चली गई थी। वहां युवक ने अपने दोस्त के साथ मिलकर बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। जब लड़की का भाई उसे तलाशते हुए युवक के घर पहुंचा तो बच्ची की हालत देखकर घबरा गया। वहीं दोनों दोस्त बच्ची के भाई को देखकर मौके से फरार हो गए थे।

दूसरे आरोपी का केस विचाराधीन

रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के परिवार ने दोनों युवकों के खिलाफ केस दर्ज कराया। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने किशोर न्याय बोर्ड (JJB) को केस भेजा। बोर्ड ने कहा कि दोनों युवक नाबालिग है, लेकिन 17 साल के युवक को पोक्सो कोर्ट भेजा जाता है। यहां उसके खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की एक धारा के तहत केस चलाने का फैसला लिया गया, जो कोर्ट को कुछ मामलों में नाबालिगों के खिलाफ एडल्ट की तरह केस चलाने का अधिकार देता है। सुनवाइयों और गवाहों के बयानों के बाद कोर्ट ने अब सजा सुनाई है। वहीं दूसरे आरोपी पर अभी केस चल रहा है।


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