DM-CMO Kanpur: कानपुर में चर्चित सीएमओ-डीएम विवाद में नया मोड़ सामने आया है। तनातनी के बाद सस्पेंड हुए सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को फिर कानपुर का सीएमओ बनाया गया है। सीएमओ के निलंबन पर हाईकोर्ट के स्टे का पालन करते हुए प्रदेश सरकार ने हरिदत्त का निलंबन आदेश रद्द कर दिया। वहीं हरिदत्त की जगह श्रावस्ती के एसीएमओ को कानपुर का सीएमओ बनाया गया था। उन्हें वापस श्रावस्ती भेज दिया गया। इस विवाद में पहले डीएम की जीत हुई थी। अब सीएमओ का वापस आना नौकरशाही में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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क्या हुआ था पूरा विवाद
साल की शुरुआत में जितेंद्र प्रताप सिंह कानपुर के नए डीएम बने। सीएमओ डॉ हरिदत्त शहर में पहले से ही मौजूद थे। नवागत डीएम ने फरवरी में हॉस्पिटलों का दौरा किया। इस दौरान उन्हें कई खामियां मिलीं। खामियों के अवाला मौके से सीएमओ समेत कई कर्मचारी गायब मिले। इसके बाद डीएम ने सीएमओ पर कार्रवाई के लिए पत्र लिख दिया। बस फिर क्या मामला तूल पकड़ गया। 19 जून को सरकार ने सीएमओ डॉ. हरिदत्त को निलंबित करके महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लखनऊ कार्यालय भेज दिया। बाद में डॉ. नेमी हाईकोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने सरकार के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट से राहत पाते ही सीएमओ की कुर्सी पर कब्जा करने पर ऑफिस पहुंच गए।
लगे थे कई आरोप
कोर्ट से स्टे मिलते ही डॉ. हरिदत्त चार्ज लेने अपने ऑफिस पहुंच गए। वहां उनका फिर विवाद हो गया। इसपर स्वास्थ्य विभाग ने डॉ हरिदत्त पर कई आरोप लगाकर कार्रवाई शुरू कर दी। विभाग ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के डायरेक्टर को जांच अधिकारी बनाकर रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट में डॉ हरिदत्त पर कई गंभीर आरोप लगे। इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में भर्ती प्रक्रिया में तय मानकों का पालन नहीं करने, शासनादेशों की अनदेखी कर वित्तीय शक्तियों का अनुचित प्रयोग करना, नियमों के खिलाफ ट्रांसफर करने जैसे आरोप लगे थे।
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