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एक चूहे की कीमत 41,000 रुपये! हुआ RTI में खुलासा

Indian Railway Spent 70 lakh to Catch Rats: रेलवे की नजर में एक चूहे की कीमत 41,000 रुपये है। इस बात से चौंकिए नहीं… मध्य प्रदेश के एक शख्स की ओर से दायर की गई RTI में कुछ ऐसा ही खुलासा हुआ है। इस खुलासे के साथ भारतीय रेलवे के लखनऊ मंडल की चारों ओर […]

Indian Railway Spent 70 lakh to Catch Rats: रेलवे की नजर में एक चूहे की कीमत 41,000 रुपये है। इस बात से चौंकिए नहीं... मध्य प्रदेश के एक शख्स की ओर से दायर की गई RTI में कुछ ऐसा ही खुलासा हुआ है। इस खुलासे के साथ भारतीय रेलवे के लखनऊ मंडल की चारों ओर चर्चे हो गए हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस मामले को लेकर ट्वीट किया है। जानकारी के मुताबिक रेलवे के लखनऊ मंडल में चूहों को पकड़ने के लिए रेलवे ने 69.5 लाख रुपये खर्च कर दिए। एक आरटीआई के जवाब से खुलासा हुआ है कि उत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीजन ने साल 2020-2022 के दौरान ये पैसा खर्च किया। सामने आया है कि एक चूहा पकड़ने का खर्च करीब 41,000 रुपये है।

हर साल खर्च होते हैं इतने रुपये

न्यूज साइट टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रशेखर गौड़ ने उत्तर रेलवे के लिए एक आरटीआई आवेदन किया था। चंद्रशेखर मध्य प्रदेश के नीमच जिले के रहने वाले हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि चूहों को पकड़ने के लिए हर साल औसतन करीब 23.2 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। चूहों को कौन पकड़ता है? इस सवाल पर लखनऊ डिवीजन ने जवाब दिया है कि एक अनुबंध-आधारित प्रणाली लागू है और लखनऊ के गोमती नगर में केंद्रीय भंडारण निगम को यह काम सौंपा गया है।

कई सवालों के नहीं मिले जवाब

बताया गया है कि उत्तर रेलवे के पांच मंडल अंबाला, दिल्ली, फिरोजपुर, लखनऊ और मोरादाबाद हैं। आरटीआई क्वेरी को तीन डिवीजनों, लखनऊ, अंबाला और दिल्ली से जवाब मिला। इनमें बाद के दो जवाब संतोषजनक नहीं थे, क्योंकि उन्होंने पूछे गए प्रश्नों को बमुश्किल संबोधित किया था। फिरोजपुर और मोरादाबाद डिवीजन से कोई जवाब नहीं आया है। केवल लखनऊ मंडल ने ऐसा उत्तर दिया, जिससे प्रश्नों में संबंधित कुछ जानकारी मिली है।

दिल्ली डिवीजन ने नहीं दी जानकारी

अंबाला डिवीजन ने चूहों की समस्या के प्रबंधन पर अप्रैल 2020 से मार्च 2023 के बीच औसतन 39.3 लाख रुपये खर्च किए। इस बीच, दिल्ली डिवीजन ने सटीक संख्या साझा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कीट और चूहा नियंत्रण के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट है।

चूहों से होने वाले नुकसान का कोई रिकॉर्ड नहीं

हालांकि, चूहों से होने वाली क्षति के मूल्य पर लखनऊ डिवीजन के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने जवाब दिया कि क्षतिग्रस्त वस्तुओं और वस्तुओं का विवरण उपलब्ध नहीं है। क्षति का कोई आकलन नहीं किया गया है। किसी अन्य प्रभाग ने इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया। उत्तर प्रदेश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-


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