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उत्तराखंड में बन रही भारत की सबसे लंबी ट्रांसपोर्ट सुरंग का ब्रेकथ्रू, रेलवे ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन पर टोटल 17 टनल्स बनाई जा रही हैं, जिनमें से लगभग 104 किमी का रेलरोड टनल्स के अंदर से गुजरेगा। यह राज्य में कनेक्टिविटी बढ़ाने के साथ-साथ लोकल बिजनेस को सहयोग मिलेगा।

Rishikesh-Karnprayag Rail Line
उत्तराखंड में भारत की सबसे लंबी टनल (14.57 KM) का सफलतापूर्वक ब्रेक-थ्रू हो गया है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट में टनल नंबर 8 के सफलतापूर्वक पूरा होने के साथ ही भारत के लिए मील का पत्थर हासिल हुआ। यह सुरंग (14.58 किलोमीटर) देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग बनने जा रही है, जो जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में मौजूदा रेल और रोड टनल्स को पीछे छोड़ देगी। इस कार्यक्रम में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और गढ़वाल के सांसद अनिल बलूनी भी मौजूद थे।

कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा

यह सुरंग महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेलवे लाइन का हिस्सा है, जो उत्तराखंड में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के मकसद से एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह लाइन पिल्ग्रिमेज साइट्स को जोड़ेगी, पर्यटन को बढ़ावा देगी, लोकल बिजनेस को सहायता देगी और यात्रा के समय को काफी कम करेगी। देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे शहर सीधे जुड़ेंगे, जो 5 जिलों देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली को जोड़ेंगे।

कैसे किया पूरा काम

सुरंग की खुदाई आसान नहीं थी। इसलिए इंजीनियरों ने कमजोर चट्टानों का पहले निपटरा किया। कुछ हिस्सों में वॉटर फ्लो काम को और भी चुनौतीपूर्ण बना रहा था। सुरंगों के साथ-साथ रेलवे लाइन में 19 बड़े पुल, 5 महत्वपूर्ण पुल और 38 छोटे पुल शामिल हैं। चंद्रभागा और अलकनंदा नदियों पर प्रमुख संरचनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। परियोजना का समर्थन करने के लिए एक रोड ओवरब्रिज (ROB), रोड अंडरब्रिज (RUB) और तीन प्रमुख सड़क पुल जैसे बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया गया है। आपको बता दें, मार्च 2020 में इसका काम शुरू हुआ था। ये भी पढ़ें-  श्रीनगर-कटरा वंदे भारत ट्रेन की ओपनिंग क्यों लटकी? PM मोदी ने 19 को दिखानी थी हरी झंडी


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