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Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में समाप्त होगी पार्किंग समस्या, बहुमंजिला पार्किंग, ईवी चार्जिंग स्टेशन बनेंगे

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा शहर में हर दिन बढ़ती वाहनों की संख्या ने सड़कों को संकरे रास्तों में तब्दील कर दिया है। अव्यवस्थित पार्किंग ने जाम की समस्या को विकराल बना दिया है, जिससे आमजन से लेकर यातायात व्यवस्था तक प्रभावित हो रही है।

Greater Noida Authority

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा शहर में हर दिन बढ़ती वाहनों की संख्या ने सड़कों को संकरे रास्तों में तब्दील कर दिया है। अव्यवस्थित पार्किंग ने जाम की समस्या को विकराल बना दिया है, जिससे आमजन से लेकर यातायात व्यवस्था तक प्रभावित हो रही है। ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लंबे समय से महसूस की जा रही इस जरूरत को अब प्राधिकरण ने गंभीरता से लिया है। समाधान की तरफ पहला कदम उठाते हुए प्राधिकरण ने बहुमंजिला पार्किंग, सतही पार्किंग, ईवी चार्जिंग स्टेशन और फुटपाथ बाजार जैसी योजनाओं पर कार्य शुरू कर दिया है। जल्द ही स्थिति बदली हुई नजर आएगी।

सलाहकार एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने योजना के लिए सलाहकार एजेंसी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी किया जाएगा। जिसके माध्यम से योग्य कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। चुनी गई एजेंसी शहरभर में पार्किंग के संभावित स्थानों की पहचान करेगी। परियोजना की लागत और निर्माण अवधि का आकलन करेगी। इसके विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में सहयोग देगी।

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विकास की तैयारी
परियोजना केवल पार्किंग तक सीमित नहीं है। अर्बन सर्विसेज विभाग के प्रभारी वरिष्ठ प्रबंधक सनी यादव ने बताया कि प्रस्तावित योजना में सतही और बहुमंजिला पार्किंग के साथ-साथ फुटपाथ बाजार (रेहड़ी-पटरी योजना) बस शेल्टरों का सुदृढ़ीकरण और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था भी शामिल है। विज्ञापन के माध्यम से प्राधिकरण के लिए अतिरिक्त राजस्व के स्रोत भी विकसित किए जाएंगे।

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पार्किंग संकट के पीछे की तस्वीर
ग्रेटर नोएडा और उसके विस्तार क्षेत्रों में गत वर्षों में बड़ी संख्या में रेजिडेंशियल सोसाइटिया, व्यावसायिक परिसर और शिक्षण संस्थान स्थापित हुए है। इसके साथ ही निजी वाहनों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई है। अधिकांश स्थानों पर नियोजित पार्किंग की कमी के कारण वाहन सड़क किनारे खड़े किए जाते है। जिससे यातायात बाधित होता है और दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है।

19 अगस्त तक कंपनियों को आवेदन का मौका
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि इच्छुक सलाहकार कंपनियों को 19 अगस्त तक अपने आवेदन प्रस्तुत करने होंगे। इसके बाद पात्र कंपनियों का मूल्यांकन कर अंतिम चयन किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि वर्ष के अंत तक परियोजना की डीपीआर तैयार हो जाएगी।

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