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Good News: उत्तराखंड में मरीजों के लिए ड्रोन बनेगा मसीहा! AIIMS ऋषिकेश से 30 मिनट में 40KM दूर पहुंचाई दवा

AIIMS Rishikesh: उत्तराखंड में रिमोट एरिया में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, रिमोट एरिया में रहने वाले लोगों को बीमार पड़ने पर काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। उन्हें पैदल कच्चे रास्तों के जरिए सड़क तक आना होता है फिर वे इलाज या फिर दवा के लिए अस्पताल की दूरी […]

AIIMS Rishikesh: उत्तराखंड में रिमोट एरिया में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, रिमोट एरिया में रहने वाले लोगों को बीमार पड़ने पर काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। उन्हें पैदल कच्चे रास्तों के जरिए सड़क तक आना होता है फिर वे इलाज या फिर दवा के लिए अस्पताल की दूरी तय करते हैं, लेकिन अब उन्हें खासकर दवाई के लिए मशक्कत नहीं करनी होगी। दरअसल, गुरुग्राम स्थित ड्रोन स्टार्ट-अप TechEagle ने गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश से ड्रोन के जरिए टिहरी गढ़वाल के एक दूरस्थ जिला अस्पताल में 3 किलोग्राम दवा सफलतापूर्वक पहुंचाई। ड्रोन को ऋषिकेश के एम्स से उड़ाया गया था। ड्रोन ने महज 30 मिनट में 40 किलोमीटर की दूरी तय की। बता दें कि अगर ये दूरी सड़क मार्ग से तय करनी हो तो करीब 2 घंटे लग जाते हैं। और पढ़िए –  अमृतसर के पंजाब नेशनल बैंक में दिनदहाड़े लूट, दो नकाबपोश बदमाश ले गए 22 लाख रुपये

AIIMS ऋषिकेश की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर ने क्या कहा?

AIIMS ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशिका प्रो. मीनू सिंह ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि TechEagle सहयोग से आज एम्स ऋषिकेश से टिहरी बुराड़ी के लिए ड्रोन के जरिए दवाई भेजने का परीक्षण किया गया, जो कि उत्तराखंड के दूर दराज के क्षेत्र में रहने वाले रोगियों के लिए मददगार होगा।
वहीं, TechEagle ने कहा कि ड्रोन के जरिए मरीज के परिवार के सदस्यों तक दवाई पहुंचाई गई, जिसके बाद ड्रोन वापस एम्स लौटा। TechEagle के सीईओ और संस्थापक विक्रम सिंह मीणा ने कहा कि न केवल दवाई बल्कि हम और भी कई ऐसे मामले हैं जिनके निदान के बारे में सोच रहे हैं। और पढ़िए –  केंद्रीय वित्त मंत्री का KCR पर पलटवार, कहा-कैसे कह सकते हैं कि 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य मजाक है?

विक्रम सिंह बोले- मरीजों को तय नहीं करनी होगी लंबी दूरी

विक्रम सिंह मीणा ने कहा कि उत्तराखंड के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले मरीजों के लिए दवाओं की आपूर्ति सहायक होगी। हम एक ऐसी प्रणाली बनाना चाहते हैं जहां तपेदिक से पीड़ित रोगियों को दवाएं मिल सकें और उन्हें इलाज के लिए लंबी दूरी तय न करनी पड़े। वहीं, डॉक्टर मीनू सिंह ने कहा कि ड्रोन का उड़ान भरना ही एकमात्र उपलब्धि नहीं है, बल्कि सुरक्षा के साथ दूरदराज के इलाकों में दवाओं की डिलीवरी एक बड़ी उपलब्धि है। और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें


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