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गाजियाबाद अथॉरिटी ने की मास्टर प्लान 2031 की तैयारी, पहले चरण में 4 लाख लोगों को होगा लाभ

Uttar Pradesh Ghaziabad Authority : गाजियाबाद अथॉरिटी मास्टर प्लान 2031 के तहत शहर को संवारने के लिए जोनल प्लान करने की तैयारी में जुट गई है। अथॉरिटी पहले चरण में राजनगर एक्सटेंशन और मोदीनगर का जोनल प्लान तैयार करेगी।

GDA Master Plan 2031
Uttar Pradesh Ghaziabad Authority (जुनेद अख्तर) : गाजियाबाद अथॉरिटी (GDA) ने नए मास्टर प्लान 2031 को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। अथॉरिटी ने मास्टर प्लान के तहत क्षेत्र को अभी 8 जोन में बांटा हुआ है, जबकि नए मास्टर प्लान में इस क्षेत्र को 15 जोन में विभाजित किया जाएगा। बताया जा रहा है कि अथॉरिटी सबसे पहले राजनगर एक्सटेंशन और मोदीनगर का जोनल प्लान सबसे पहले तैयार करेगा। अथॉरिटी के इस प्लान से राजनगर एक्सटेंशन और मोदीनगर के करीब 4 लाख लोगों को फायदा होगा। शासन से सहमति मिलने पर काम शुरू बता दें कि जीडीए का वर्तमान दायरा 184 गांवों की 3,889 हेक्टेयर जमीन पर फैला हुआ है। गाजियाबाद अथॉरिटी नए मास्टर प्लान के अनुसार, सर्वे के जरिये इन क्षेत्रों को चिह्नित कर नियोजित करेगा, ताकि इन्हें विकसित किया जा सके। जानकारी के मुताबिक, अथॉरिटी मास्टर प्लान 2031 लागू करने के बाद जोनल प्लान भी तैयार करेगा। जीडीए अधिकारी बताते हैं कि जोन प्लान तैयार करने के लिए शासन ने सहमति दी है। अब इस पर काम होगा। इसको लेकर राजनगर एक्सटेंशन और मोदीनगर में सबसे पहले जोनल प्लान तैयार करने की योजना है। सर्वे कर क्षेत्र को करेंगे चिह्नित जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह बताते हैं कि गाजियाबाद अथॉरिटी टीम सर्वे कर क्षेत्र चिह्नित करेगी। फिर इन्हें विकसित करने की योजना तैयार होगी। साथ ही जोनल प्लान को भी लागू कराया जाएगा। इन दोनों जोनल प्लान के बाद अन्य क्षेत्रों का जोनल प्लान बनाया जाएगा। माइसके लिए तैयारी की जा रही है। जल्द ही इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। 130 हेक्टेयर जमीन का बदलेगा लैंड यूज बताया जा रहा है कि नए मास्टर प्लान 2031 के लागू होने से गाजियाबाद, डासना, मुरादनगर, मोदीनगर और लोनी क्षेत्र में करीब 130 हेक्टेयर जमीन का भू-उपयोग बदल जाएगा। इसमें गाजियाबाद, डासना में 50 हेक्टेयर, मोदीनगर, मुरादनगर में 60 हेक्टेयर, लोनी में 20 हेक्टेयर जमीन का भू-उपयोग बदलकर आवासीय, व्यवसायिक व औद्योगिक क्षेत्र हो जाएगा, जिसके बाद यह योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया जा सकेगा।


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