what is UPCOS Benefit 11 lakh contractual employees: उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 11 लाख कर्मचारियों को खुशखबरी देते हुए कैबिनेट मीटिंग में उत्तरप्रदेश आउटसोर्स सर्विस कार्पोरेशन (UPCOS) का तोहफा दे दिया। पिछले दो महीने से योगी सरकार इसपर काम कर रही थी। बीती 3 जुलाई भी लखनऊ में हुई हाई लेवल की मीटिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों के अधिकारों और उनके न्यूनतम वेतनमान को लेकर उत्तरप्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम बनाने पर प्रशासन को उचित दिशा निर्देश दिए थे। साथ ही, उत्तरप्रदेश आउटसोर्स सर्विस कार्पोरेशन के गठन को मंजूरी दी थी।
यूपीसीओएस के दायरे में क्या-क्या
आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती से लेकर उनकी जॉब सिक्योरिटी, उनकी कंट्रेक्ट भर्ती प्रक्रिया में एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण को सुनिश्चित करना भी यूपीसीओएस के दायरे में आएगा। यूपीसीओएस के गठन के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों का कोई अधिकारी शोषण नहीं कर पाएगा। इससे पहले तक आउटसोर्स कर्मचारियों की सुनवाई के लिए कोई भी ऐसा विभाग नहीं था। इस मीटिंग में ही उत्तरप्रदेश आउटसोर्स सर्विस कार्पोरेशन के गठन के प्रस्ताव को कैबिनेट मीटिंग में रखने की बात तय हुई थी। आज इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई।
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यूपी को क्यों पड़ी UPCOS की जरूरत
उत्तरप्रदेश के 93 सरकारी विभागों में करीब 11 लाख से करीब आउटसोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं। गीते 3 जुलाई की मीटिंग में सीएम योगी ने बताया था कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से बहुत शिकायतें मिलती थीं। किसी को वेतन समय पर नहीं मिल रहा तो किसी के वेतन में कटौती हो रही है। किसी को ईपीएफ-ईएसआई का लाभ नहीं मिल रहा था। आउटसोर्सिंग एजेंसियों की चयन प्रक्रिया भी बिखरी हुई थी। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की दिक्कतों को देखते हुए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) बनाने की बहुत जरूरत महसूस हो रही थी। अब इस बोर्ड का उद्देश्य ही इन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन, श्रम अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
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यूपीसीओएस के कर्मचारियों को होने वाले लाभ
- 11 लाख कर्मचारियों को शोषण से मुक्ति
- न्यूनतम वेतनमान 16000 रुपए से लेकर 20000 रुपए
- आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के खाते में जाएगी सैलरी
- 1 से लेकर 5 तारीख के बीच बीच मिलेगी सैलरी
- एक महीने में 26 दिन की सेवा देनी होगी
- लिखित परीक्षा के अलावा मौखिक साक्षात्कार भी होगा
- आउटसोर्सिंग भर्तियों में आरक्षण का भी प्रावधान
- कर्मचारियों को मिलेंगे EPF, ESIC और अन्य लाभ
- नियमित सरकारी पदों पर आउटसोर्सिंग सेवा नहीं
यूपीसीओएस में कौन-कौन होगा
कंपनी एक्ट के तहत उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम काम करेगा और एजेंसियों के काम की निगरानी करेगा। नियमों के उल्लंघन पर एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट, डिबार या पेनाल्टी की सज़ा मिलेगी। मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और एक महानिदेशक (DG) इस निगम की निगरानी करेंगे। मंडल और जिला स्तर पर समितियां बनेंगी। एजेंसियों का चयन GeM पोर्टल से न्यूनतम 3 साल के लिए होगा। मौजूदा कर्मचारियों की नौकरी पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्हें तो एक्सपीरियंस के हिसाब से प्राथमिकता मिलेगी।
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