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बुलंदशहर BJP का नेता निकला सरिया चोर गिरोह का सरगना, गैंगस्टर एक्ट के तहत एक्शन

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बीजेपी पिछड़ा वर्ग के जिला मंत्री सरिया चोर गिरोह का सरदार फरार बताया जा रहा है। फिलहाल, पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है। पुलिस इसके पीछे कौन-कौन शामिल हैं, उन लोगों की जांच कर रही है।

Bulandshahar News
Bulandshahar News (शाहनवाज चौधरी): उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में भाजपा पिछड़ा वर्ग का जिला मंत्री सरिया चोर गिरोह का सरदार निकला। सरिया चोर गिरोह का सरदार फरार बताया जा रहा है। पुलिस आरोपी नेताजी की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है। बता दें, शुक्रवार को सिकंदराबाद पुलिस ने जोखाबाद औद्योगिक क्षेत्र में सरिया चोरी की घटना का खुलासा किया था। पुलिस ने घटना स्थल से 30 लाख रुपये का सरिया, ट्रैक्टर-ट्रॉली, और ट्रक को बरामद किया था। ट्रक ड्राइवर शाहनवाज, बिलाल, पंकज, नितिन और सचिन प्रधान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस अब तक 4 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। भाजपा नेता सचिन प्रधान फरार बताया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक सचिन प्रधान ही सरिया चोर गिरोह का सरदार है। सचिन ही सरिया चोरी का प्लान करता था।

ऐसे करते थे सरिया चोरी

सरिया फैक्ट्री से निकले ट्रकों के चालकों से साठगांठ कर सरिया चोरी की वारदात को अंजाम दिया जाता था। जितने वजन का सरिया चुराया जाता था, उतनी ही वजन की ईंट-पत्थर ट्रक में लोड किया जाता था और फिर सरिया की अनलोडिंग करा दी जाती थी।

भाजपा नेताओं ने दी सफाई

इस मामले में भाजपा नेताओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सचिन को राजनीतिक रूप से फंसाया जा रहा है। भाजपा का एक गुट सचिन का समर्थक है, जबकि दूसरा गुट उसका विरोधी है। सचिन की मां फिलहाल सांवली गांव की प्रधान है। सचिन राजनीतिक रूप से एक्टिव है और वह पेशे से बीएएमएस डॉक्टर भी है। पुलिस के मुताबिक, रवि काना गैंग का मुख्य काम सरिया चोरी और सरिया की लूट है। सिकंदराबाद में सरिया चोर गिरोह और रवि काना गैंग के बीच की कड़ियों को तलाश की जा रही है। अब तक की पुलिस जांच में काना गैंग से कुछ कड़ियां भी जुड़ी हैं।

गैंगस्टर के खिलाफ होगी कार्रवाई

एसएसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि सरिया गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी एक्शन का आदेश दिया गया है। इन बदमाशों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत प्रॉपर्टीज को अटैच किया जाएगा। ये भी पढ़ें- भारत में एक्यूट डर्मेटाइटिस के मामले क्यों बढ़ें, पतंजलि रिसर्च सेंटर में बनी दवा कितनी असरदार है?


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