संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ संशोधन बिल को मंजूरी दे दी। अब यह विधेयक कानून बन गया। केंद्र सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी होने से पहले सरकारी संपत्ति को कब्जाने वाले माफिया निशाने पर आ गए हैं। यूपी के बरेली में सरकारी जमीन को अवैध रूप से वक्फ संपत्ति घोषित करने के मामले में पहली एफआईआर दर्ज की गई है। आइए जानते हैं कि बरेली में सरकारी जमीन ऐसे बनी वक्फ संपत्ति।
उत्तर प्रदेश के बरेली में वक्फ संशोधन विधेयक पास होने के बाद दर्ज की गई एफआईआर पर एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा कि जिले के सीबीगंज थाना में बुधवार यानी 16 अप्रैल को सब्जे महमूद अली नामक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। उस पर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप है। यह संपत्ति राजस्व अभिलेखों में सरकारी जमीन के तौर पर दर्ज थी।
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सरकारी जमीन कैसे बनाई वक्फ संपत्ति?
एसएसएपी ने बताया कि सब्जे महमूद अली ने सरकारी जमीन को कब्रिस्तान बताकर अवैध कब्जा करवा लिया और फिर सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ में रजिस्ट्री करवा ली। इसके बाद उसने अपने परिवार के लोगों को ट्रस्ट का सदस्य बना लिया और खुद प्रबंध समिति का अध्यक्ष बन बैठा। अदालत ने भी इस मामले में अभिलेखों में जालसाजी पाई है।
सब्जे अली और 10 अन्य आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज
उन्होंने आगे कहा कि पुत्तन जुल्फिकार शाह की शिकायत पर सब्जे अली और 10 अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आईपीसी की धाराओं 323, 504, 506, 420, 467, 471, 447 और 120बी के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। यह आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज की गई है, क्योंकि पूरा मामला 2020-21 का है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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