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‘कश्मीर फाइल्स’ और ‘केरला स्टोरी’ को बताया नफरती मूवी, आप नेता ने भाजपा पर साधा निशाना

Noida News: राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह ने बुधवार को नोएडा से भाजपा सरकार और सेंसर बोर्ड पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सावित्रीबाई फुले और ज्योति फुले के जीवन पर आधारित बहुचर्चित फिल्म ‘फुले’ को सेंसर बोर्ड द्वारा 16 कट्स के बाद रिलीज पर रोक लगाए जाने पर अपना गुस्सा जाहिर किया।

aap mp sanjay singh
Noida News: आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह नोएडा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए Central Board of Film Certification (CBFC) और भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले और ज्योति फुले के जीवन पर आधारित बहुचर्चित फिल्म ‘फुले ’को सेंसर बोर्ड द्वारा 16 कट्स लगाने के बाद 11 अप्रैल को रिलीज होने से रोक दिया गया। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। अब यह फिल्म 25 अप्रैल को रिलीज होगी। यह निर्णय उन महान समाज सुधारकों की विरासत और संघर्ष को दबाने की कोशिश है, जिन्होंने देश में समानता और शिक्षा की लड़ाई लड़ी। दलित आंदोलन और सामाजिक मूल्यों पर हमला संजय सिंह ने कहा कि यह घटना भारतीय जनता पार्टी की असल सोच को उजागर करती है। एक ओर वे संविधान, बाबा साहेब और दलित अधिकारों की बातें करते हैं, और दूसरी ओर जब कोई फिल्म समाज के शोषण के खिलाफ आवाज उठाती है, तो उसे सेंसर के बहाने रोका जाता है। यह दोहरापन अब देश से छुपा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सेंसरशिप केवल एक फिल्म पर नहीं, बल्कि पूरे दलित आंदोलन और सामाजिक न्याय के मूल्यों पर हमला है। नफरत फैलाने वाली फिल्मों का प्रचार करती है सरकार  उन्होंने कहा कि ‘कश्मीर फाइल्स’ और ‘केरला स्टोरी’ जैसी नफरत फैलाने वाली फिल्मों को सरकार प्रचारित करती है, तब ‘फुले’ जैसी ऐतिहासिक, संवेदनशील और प्रेरणादायक फिल्म को रोका जाना एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश है। खास बात यह है कि इस फिल्म के निर्देशक ब्राह्मण समुदाय से हैं और उन्होंने समाज के सभी पक्षों को निष्पक्ष रूप से दिखाया है जिसमें पीड़ा भी और सहयोग शामिल है। योगी सरकार में अपराधियों को खुली छूट राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि हाल ही में कासगंज में हुए गैंगरेप की जघन्य घटना, जिसमें भाजपा का नेता शामिल है, यह साबित करती है कि योगी सरकार अपराधियों को खुली छूट दे रही है। ऐसे में वक्फ बोर्ड जैसे असंवैधानिक बिल लाकर भाजपा प्रदेश का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का प्रयास न करें। आम आदमी पार्टी ने यह स्पष्ट किया है कि वह इस तरह की नफरत की राजनीति और संविधान विरोधी सोच का हर स्तर पर विरोध करेगी। 21 अप्रैल को हर जिले में विरोध पार्टी के राज्यसभा सांसद ने यह घोषणा की कि 21 अप्रैल को आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश के हर जिले में विरोध प्रदर्शन करेगी और इस अन्याय के खिलाफ जोरदार जन आंदोलन करेगी। यह केवल एक फिल्म की नहीं, सामाजिक न्याय, इतिहास और पहचान की लड़ाई है, जिसे आम आदमी पार्टी पूरे दमखम से लड़ेगी। हम चुप नहीं रहेंगे। यह इतिहास को मिटाने की कोशिश है, और आम आदमी पार्टी इसके खिलाफ सड़क से संसद तक लड़ेगी।


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